पति ही निकला पत्नी और बेटे का हत्यारा
मां को बचाने आया था बेटा लेकिन पिता ने उसे भी मार दी गोली - बात-बात पर करता था गुस्सा और मारने-पीटने लगता था बेटे को - पुलिस अधीक्षक ने कड़ी मशक्कत के बाद पेंचीदे मामले का किया पर्दाफाश
जागरण संवाददाता, मऊ : फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम के साथ ही पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गठित टीम ने सर्विलांस के जरिए आखिरकार मादीसिपाह में दुर्गापूजा के दिन हुई मां-बेटे की हत्या की गुत्थी को शुक्रवार को सुलझा लेने का दावा किया है। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य के मुताबिक बलरामपुर जनपद में शिक्षिका के पद पर तैनात रही रेखा राय और उसके बेटे हर्षित राय का हत्यारा कोई और नहीं, बल्कि खुद रेखा का पति और हर्षित का पिता चंद्रशेखर राय उर्फ बब्बू राय है। हत्या की वजह पति और पत्नी के बीच दूरी, अनबन और पति के पत्नी के व्यवहार पर शक को ठहराया जा रहा है। हत्यारोपित पति को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है।
मादीसिपाह में इसी महीने की आठ तारीख को मां-बेटे की एक ही दिन एक ही घर में और एक ही समय पर गोली मारकर की गई हत्या ने सबको चौंका दिया था। मामले में मृत शिक्षिका रेखा राय के पति चंद्रशेखर राय उर्फ बब्बू राय ने बीते आठ अक्टूबर को दोहरीघाट थाने में अज्ञात बदमाशों पर पत्नी व बेटे की हत्या का आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज कराया। पति पर पत्नी की हत्या करने का कोई शक होता तो बेटे की हत्या कोई पिता क्यों करेगा, इसे लेकर केस उलझ जा रहा था। शुक्रवार को अपने कार्यालय में इस डबल मर्डर केस के रहस्य से पर्दा उठाते हुए पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि पिछले तीन वर्ष से बलरामपुर जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षिका रेखा राय लखनऊ में रहकर अपनी नौकरी कर रही थी। इसके चलते मादीसिपाह में रह रहे शिक्षिका के पति बब्बू राय नाराज रहते थे। वह चाहते थे कि पत्नी का तबादला मऊ जनपद में कहीं आस-पास हो जाए, लेकिन शिक्षिका वहीं रहकर काम करने की जिद पर अड़ी हुई थी। इस सत्र में शिक्षिका ने बच्चों का दाखिला भी वहीं करा लिया और उन्हें लेकर लखनऊ रहने लगी। इस बात से बब्बू राय चिढ़ा हुआ था। गुस्से की वजह से बीते आठ अक्टूबर की सुबह बब्बू राय ने अवैध पिस्टल से अपनी पत्नी रेखा राय के सिर में गोली मारकर हत्या कर दिया। मां को बचाने जब बेटा सामने आ गया तो बब्बू राय ने उसे भी गोली मार दिया। हत्यारोपित को गिरफ्तार करने वाली टीम में थानाध्यक्ष रूपेश कुमार सिंह सहित आरक्षी संतोष यादव व अंकुर यादव शामिल थे। पत्नी के दो मिनट बाद पुत्र को मारी गोली
पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मौके पर मिले साक्ष्यों के अनुसार शिक्षिका और उसके बेटे की हत्या में दो मिनट का अंतर सामने आया है। कुल दो फायर किए गए थे। एक का खोखा उसी कमरे में बेड पर मिला और दूसरे का बुलेट मिला है। हत्यारोपित ने हत्या में जिस पिस्टल का इस्तेमाल किया था उसे दोहरीघाट स्थित सरयू नदी में फेक आया, जिसे ढूंढ़ने की कोशिश पुलिस की ओर से जारी है। हत्या की असल वजह
पुलिस के मुताबिक साक्ष्यों और गवाहों से जो बात सामने आई है उससे बब्बू राय के बेहद गुस्सैल होने का पता चलता है। बात-बात पर गुस्सा करना, कभी बच्चों की पिटाई लगाना तो कभी पत्नी को छोटी-छोटी बात पर पीट देना उसकी आदत बन गई थी। पत्नी से दूरी बढ़ी तो उसके गुस्सा होने का सिलसिला और बढ़ गया। लखनऊ जब वह पत्नी से मिलने जाता तो वहां भी बच्चों को बात-बात पर मारता-पीटता था। इसके अलावा पत्नी से दूरी के चलते उसे पत्नी के व्यवहार और आचरण पर भी शक होने लगा था। बेटे और पत्नी की हत्या बब्बू राय ने सिर्फ अपने गुस्से के वजह से की।