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दो लाख किसानों पर तूफान का साया

एक बार फिर किसान तबाही के कगार पर खड़े हैं। देश के गुजरात मध्यप्रदेश आदि राज्यों में आया तुफान जहां तबाही मचा रहा है। दर्जनों लोगों की जहां मौत हो गई है तो किसान तबाह व बर्बाद हो गए हैं। इसका साया यहां भी मंडारा रहा है। बीती रात जहां हल्की बारिश की बूंदे आसमान से गिरी तो दिन में भी हल्की बारिश हुई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 04:53 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 04:54 PM (IST)
दो लाख किसानों पर तूफान का साया
दो लाख किसानों पर तूफान का साया

जागरण संवाददाता, मऊ : एक बार फिर किसान तबाही के कगार पर खड़े हैं। देश के गुजरात, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में आया तूफान जहां तबाही मचा रहा है। कई लोगों की जहां मौत हो गई है तो वहीं किसान तबाह व बर्बाद हो गए हैं। इसका साया यहां भी मंडारा रहा है। बीती रात जहां हल्की बारिश की बूंदे आसमान से गिरी तो दिन में भी हल्की बारिश हुई। दो दिनों में पारा 15 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़ककर फरवरी माह का एहसास करा रहा है। बदले मौसम के चलते जनपद के लगभग 75 हजार हेक्टेयर खेतों में गेहूं की फसल डंप पड़ गई है। दो दिनों से गेहूं की कटाई व मंडाई पूरी तरह से बाधित हो गई है। मौसम का बदला मिजाज देखकर किसानों के होश पाख्ता हो गए हैं। उन्हें इसका तोड़ सूझ ही नहीं रहा है। अगर तेज बारिश हो गई तो लगभग दो लाख किसानों पर आफत टूट पड़ेगी।

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अब इसे ग्लोबल वार्मिंग का सितम कहें या किसानों की अपनी किस्मत। खरीफ सीजन में बारिश न होने का दंश झेलने वाले किसान रबी सीजन में भी प्राकृतिक आपदा का शिकार हो रहे हैं। जहां सोमवार को पूरे दिन झूमकर बहे पछुआ हवा से किसानों के चेहरे खिल गए थे परंतु यह खुशी मंगलवार की अलसुबह की काफूर हो गई थी। सुबह नींद खुलते ही पुरवा हवा का मिजाज समझ में आया तो यह निश्चित हो गया कि कुछ न कुछ गड़बड़ होने वाला है। मौसम का मिजाज देखकर किसान भूसा की चिता छोड़कर अनाज को सहेजने के लिए कंबाइन मशीनों का चक्कर काटने लगे। तो वहीं जिन किसानों के गेहूं के बोझ बंधे थे वे मंडाई कराने में तल्लीन हो गए। पूरे दिन आसमान में धूंध छाई रही। देर रात में आसमान से गिरी बारिश की हल्की बूंदो ने तबाही की निशानी छोड़ दी। बुधवार को पूरे दिन आसमान में बदली छाई रही और दोपहर में हल्की बारिश भी हुई। इससे खेतों में खड़े गेहूं जहां काटने योग्य नहीं रह गए तो बोझ बांधकर खेतों में छोड़े गया गेहूं भी नम हो गया। हालांकि अभी भी गनीमत है परंतु अब आगे बारिश तेज हुई तो किसानों की गाढ़ी कमाई मिट्टी में मिल जाएगी। इनसेट--

अप्रैल में हुआ फरवरी का एहसास

प्रचंड गर्मी का माह चल रहा है। बीते एक सप्ताह में लोगों को इसकी प्रचंडता का एहसास भी हो गया था परंतु बदले मौसम ने आमजन को गर्मी से राहत तो दी है परंतु किसानों की कमर तोड़ने की तरफ भी मौसम अग्रसर है। मंगलवार की रात मौसम में काफी गिरावट हुई। इसके चलते हल्की ठंड का भी एहसास लोगों को होने लगा।

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पारा में तेज गिरावट

सोमवार को पछुआ हवा की तासीर ऐसी रही कि पूरा दिन गर्म रहा। इसके चलते चटख धूप भी रही और मौसम साफ भी परंतु मंगलवार को पारा में तेज गिरावट दर्ज की गई। सोमवार की दोपहर जहां पारा 42 डिग्री पर था तो वहीं मंगलवार की दोपहर में 35-36 डिग्री सेल्सियस पर बना रहा। रात में और गिरावट हुई। वहीं मंगलवार की दोपहर पारा 27 डिग्री सेल्सियस पर चला गया।


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