अंतर्राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में सैकड़ों ने किया प्रतिभाग
संस्कार भारती एवं ललित कला अकादमी क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी एवं राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, कोपागंज (मऊ) : संस्कार भारती एवं ललित कला अकादमी क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी एवं राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें स्थानीय कस्बे से सैकड़ों लोगों ने प्रतिभाग किया। अंतरराष्ट्रीय स्तर के सौ से अधिक कलाकारों के चित्रों की पीपीटी प्रस्तुत की गई। ऑनलाइन प्रदर्शनी का शुभारंभ राष्ट्रीय ललित कला अकादमी के चेयरमैन उत्तम पच्चारने, राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के महानिदेशक अद्वैत गणनायक एवं संस्कार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रख्यात कलाकार वासुदेव कामत ने किया।
स्थानीय कस्बे के निवासी ललित कला विभाग के विभागाध्यक्ष डा.सुनील कुमार विश्वकर्मा के संचालन में हुए इस आनलाइन आयोजन का शुभारंभ संस्कार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बांकेलाल, अमीर चंद, संगीत जगत के प्रख्यात पद्मश्री राजेश्वर आचार्य, छापा कला जगत के प्रख्यात कलाकार पद्मश्री श्याम शर्मा, प्रोफेसर हर्षवर्धन, प्रोफेसर वी.नाग, प्रोफेसर एस प्रणाम सिंह, अंतर्राष्ट्रीय कलाकार रसत बसर टर्की, एस.एम. एहसान बांगलादेश सहित कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों की उपस्थिति में हुआ। तुरंत बाद राष्ट्रीय वेबिनार हुआ। राष्ट्रीय वेबिनार में भी यह सभी कलाकार एवं चितक उपस्थित थे। उन्होंने आत्मनिर्भरता में भारतीय कला-संस्कृति की भूमिका पर अपने विचार प्रस्तुत किए। पद्मश्री डॉ.राजेश्वर आचार्य बताया कि ग्रामीण जीवन हमारा सदैव से आत्मनिर्भर रहा है। हमारी जीवनशैली में ही आत्मनिर्भरता थी। लेकिन पश्चिमी प्रभाव के कारण कुछ विसंगतियां समय के साथ इसमें आ गईं थीं। इसके कारण हमारी भारतीय आत्मनिर्भरता की प्राचीन परंपरा टूटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नवजागरण की तरफ पूरे देश को आगे बढ़ाया है। अंत में डा.सुनील कुमार सिंह कुशवाहा ने धन्यवाद यापन किया।