माइनर में उफान से सैकड़ों गेहूं की फसल जलमग्न
दोहरीघाट विकासखंड के आधा दर्जन गांवों के किसानों में मचा हाहाकार - अहिरानी से कोरौली माइनर में पांच किमी तक पानी ओवरफ्लो - कोरौली हरिपरा पोखरापार नीबिहां सरंगुआ आदि गांव प्रभावित
जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : स्थानीय विकास खंड के सरयू तट से होकर जाने वाली पंप कैनाल के कोरौली-अहिरानी माइनर में सोमवार की रात शरारती तत्वों द्वारा माइनर अवरुद्ध कर देने से जगह-जगह पानी ओवरफ्लो हो गया। इसके चलते आधा दर्जन गांवों की गेहूं की फसल जलमग्न हो गई है। मंगलवार की सुबह जब किसानों ने फसल को डूबा देखा तो उनमें हाहाकार मच गया। किसानों को कोई उपाय नहीं सूझ रहा था कि अब वे क्या करें। कोरौली, हरिपरा, पोखरापार, नीबिहां, सरंगुआ, पोखरापार, अपडड़ियां आदि माइनर के तटवर्ती लगभग पांच किलोमीटर क्षेत्र में फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। इससे किसानों में मायूसी छाई हुई है।
सोमवार को दिन में सब कुछ ठीक था। रात के समय कुछ लोगों ने माइनर को कहीं से बांध दिया। जिससे पानी माइनर में भरकर ऊपरी किनारों से नीचे गिरने लगा। रात भर पानी ओवरफ्लो होकर समीपवर्ती खेतों में फैलता गया। देखते ही देखते सैकड़ों एकड़ गेहूं की फसल ओवरफ्लो होकर बहे पानी की चपेट में आ गई। खेतों में पानी लग गया है। पानी कहीं एक फुट तक है तो कहीं एक बित्ता लगा हुआ है। विलंब से बोए गए गेहूं के पौधे तो पानी लगने से दिखाई भी नहीं दे रहे हैं। संजय सिंह, हरिवंश सिंह, जयसिंह, रामप्यारे, रामदुलारे, रामसरीख सिंह, अजय, परशुराम, मोहन, रमेश्वर, कुंजबिहारी, अजीत आदि किसानों ने बताया कि खेतों से पानी यदि जल्द नहीं निकला तो गेहूं की फसल से हाथ धोना पड़ेगा। पौधे पीले पड़ जाएंगे। माइनर के ओवरफ्लो ने सारी मेहनत और लागत पर पानी फेर दिया है। किसानों ने जिला प्रशासन से खेत का सर्वे कर मुआवजा देने की मांग किया है। इनसेट :
समस्या के निस्तारण के लिए किसानों ने लगाया जाम
हरिपरा, पोखरापार, नीबिहां, सरंगुआ, पोखरापार आदि गांवों के आक्रोशित किसानों ने समस्या के निस्तारण की मांग को लेकर कोरौली माइनर के मंगलवार की दोपहर सड़क जाम कर दिया। किसानों की मांग थी कि पानी को नहर से कहीं बहा कर कम किया जाए। मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष ने किसी तरह ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया। उधर, समस्या के अस्थाई निराकरण के लिए सिचाई विभाग की टीम भी कोरौली में पहुंच गई। कोरौली के संजय राय की जमीन के पास नहर को काटकर पानी सुरक्षित स्थान पर बहवाया जाना तय हुआ, लेकिन संजय राय ने सिचाई विभाग के एई योगेंद्रनाथ यादव एवं जेई नवनीत कुशवाहा से स्टैंप पर लिखित करार करने के बाद ही नहर की खोदाई करने दिया। एई ने यह लिखकर दिया कि यह अस्थाई व्यवस्था है। समस्या हल होने के बाद इसे बंद कर दिया जाएगा। नहर से पानी बहाए जाने को लेकर काफी देर तक सिचाई विभाग और ग्रामीणों में रस्साकसी चली। मौके संजय कुमार राय, इंद्रजीत राय, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कोरौली अमीचंद यादव, बिट्टू राय, प्रणव राय आदि उपस्थित थे।