कब तक बदहाल रहेगा घोसी बस स्टेशन
???? ?? ????? ?? ?????? ????? ??? ?? ??? ?? ???? ???? ???? ?? ???????? ??? ????? ??? ?????? ?? ???????? ?? ???? ??? ???? ????? ???????? ?????? ?????? ???? ?? ?????? ?? ???????? ?????? ?????? ?????? ?????? ???? ?? ???? ?? ?????? ?? ?????? ?????? ???? ???? ?? ??????? ?? ???? ???
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : यहां पर स्थित बस स्टेशन परिसर में एक साथ कई बसें खड़ी होने की व्यवस्था है। परिसर में कैंटीन और बुक स्टाल भी हैं। चार वर्ष पूर्व तत्कालीन विधायक सुधाकर सिंह के प्रयास से तत्कालीन परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव ने घोसी बस स्टेशन पर बुकिग खिड़की खोले जाने का आश्वासन भी दिया था। सुनसान पड़े स्थानीय बस स्टेशन के दिन वापस होने की संभावनाएं प्रबल हुई पर तीन वर्ष बाद भी कुछ न हो सका। ऐसे में सवाल यह कि नगर के मध्य बेशकीमती जमीन पर अवस्थित यह बस स्टेशन आखिर कब तक बदहाल रहेगा।
स्थानीय नगर में नेशनल हाइवे पर लबे रोड बीच बाजार एक एकड़ 180 कड़ी के क्षेत्रफल में बस स्टेशन निíमत है। बेहद लंबा-चौड़ा खड़ंजा युक्त पाíकंग सुविधा से लैश है। यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय के साथ ही महिला यात्रियों हेतु विशेष व्यवस्था है तो कैंटीन और प्रसाधन की भी सुविधा है। यहां बने भवन में महज एक चौकीदार रहता है। हालांकि दिन के समय आने जाने वाली बसों का रिकार्ड दर्ज करने को एक कर्मचारी भी रहता है। इससे इतर यहां पर अन्य स्टाफ नहीं है। रात में अलबत्ता कुछ बसें यहां पार्क होकर इसके बस स्टेशन होने का प्रमाण देती हैं। उधर यात्रियों की समस्या यह कि महज लखनऊ को आने-जाने वाली बस ही अपवाद स्वरूप इस परिसर में प्रवेश करती हैं। अन्य बसें परिसर में प्रवेश की बजाय राजमार्ग पर ही रुकती हैं। संयोगवश दो बसें आमने-सामने हो गई तो आवागमन में अवरोध आम हो जाता है। एक बस के प्रस्थान के बाद ही यातायात संचालन हो पाता है। इसके चलते जाडे़ की ठंडक हो या बरसात या फिर चिलचिलाती धूप, यात्री सड़क पर बस निहारने को विवश हैं। यहां से बनकर चलने वाली बसों की संख्या लगभग नगण्य होने के बाद तो यह बस स्टेशन बेमानी ही साबित हो रहा है। निगम की बसों के परिसर में प्रवेश न करने से निगम भी घाटा उठा रहा है। तत्कालीन विधायक सुधाकर सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव परिवहन निगम को पत्र लिखा। उन्होंने यहां पर एक लिपिक की तैनाती एवं घोसी-आजमगढ़, घोसी-बलिया वाया नगरा एवं घोसी-बेल्थरा रोड मार्ग पर पूर्व की भांति बसें चलाएं जाने की मांग किया था। बावजूद इसके यहां का हाल जस का तस है। उधर एक अन्य समस्या यह कि बस स्टेशन के प्रवेश एवं निकास द्वार पर अब ठेला एवं गुमटी दुकानदारों ने अतिक्रमण कर लिया है। ऐसे में बसों के प्रवेश करने में काफी दिक्कत होती है। इसके चलते भी चालक परिसर में घुसने से गुरेज करते हैं।