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खलिहान की भूमि में बने मकान कराए गए ध्वस्त

उच्च न्यायालय के आदेशानुसार तहसीलदार ओमप्रकाश पांडेय ने क्षेत्र के औलियापुर में खलिहान की भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए चार मकान जेसीबी से ध्वस्त करा दिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 06:00 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 09:08 PM (IST)
खलिहान की भूमि में बने मकान कराए गए ध्वस्त
खलिहान की भूमि में बने मकान कराए गए ध्वस्त

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : उच्च न्यायालय के आदेशानुसार तहसीलदार ओमप्रकाश पांडेय ने क्षेत्र के औलियापुर में खलिहान की भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए चार मकान जेसीबी से ध्वस्त करा दिया। रास्ते में बने तीन मकानों के स्वामियों को तहसीलदार ने दस दिन की छूट देते हुए विकल्प सुझाया। इस दौरान घोसी, मधुबन, कोपागंज, चिरैयाकोट की पुलिस सहित पीएसी एवं महिला पुलिस की मौजूदगी रही।

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दरअसल इस गांव में कई दशक पूर्व यहां के हरिचरन, विशुनदेव, जयप्रकाश एवं रविप्रकाश ने खलिहान की भूमि पर अतिक्रमण कर मकान बना लिया। उधर इसी गांव के पश्चिमी पुरवे में रास्ते पर रामकेवल,रामसोच एवं रामकेर ने अपना मकान लिया। इस मामले को लेकर गांव के ही दो लोगों ने तहसील दिवस में उपजिलाधिकारी से लेकर जिलाधिकारी के समक्ष प्रकरण उठाया। प्रभावी कार्रवाई न होने पर मामले को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया। उच्च न्यायालय ने सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए मकान ध्वस्त किए जएने का आदेश दिया। इस आदेश के परिपेक्ष्य में तहसीलदार ने सभी को मकान खाली कर ध्वस्त करने की नोटिस दी। बावजूद इसके अतिक्रमण स्वत: न लाए जाने पर उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन के क्रम में तहसीलदार ओपी पांडेय गुरुवार को राजस्व निरीक्षक परशुराम यादव एवं अन्य लेखपालों की टीम सहित घोसी कोतवाल परमानंद मिश्रा, एसएसआई रमेश चंद यादव, उपनिरीक्षक स¨वद्र राय, कांस्टेबल रमेश राय, कलामुद्दीन, धर्मेंद्र और महिला सिपाही कंचन लता सहित पीएसी, मधुबन, कोपागंज एवं चिरैयाकोट की पुलिस संग मौके पर जेसीबी लेकर पहुंचे। राजस्व टीम ने नए सिरे से पैमाइश कर खलिहान भूमि का सीमांकन किया। खलिहान की जमीन में अतिक्रमण कर बने चारों मकानों को ध्वस्त किया गया। मकान गिराए जाने के पूर्व तहसीलदार श्री पांडेय ने सभी को अंदर रखा सामान हटाने की अनुमति प्रदान किया। बहरहाल मौके पर पुलिस के तेवर एवं भारी फोर्स के चलते किसी ने विरोध करने का दुस्साहस नहीं किया। उधर पश्चिम पुरवे में रास्ते की पैमाइश की गई। रास्ते में रामकेवल, रामकेर एवं रामसोच के मकान का आंशिक भाग बना पाया गया। तहसीलदार श्री पांडेय ने दस दिनों में रास्ते पर बने मकान के हिस्से को गिरा लेने या सार्वजनिक रास्ते हेतु घर के दूसरी तरफ से रास्ता हेतु निजी जमीन देने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने यह प्रस्ताव तहसील स्तर से स्वीकृत कर आलेख में अंकित किए जाने की बात कही ताकि बाद में कोई विववाद न हो सके।


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