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सोशल मीडिया में छाए होली के रंग

गंवई परिवेश से भी झांझ मंजीरे झाल व ढोलक के साथ होली चैता चौताल बारहमासा अथवा जोगीरा आदि आहिस्ता-आहिस्ता विलुप्त होते जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Mar 2019 07:09 PM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 07:09 PM (IST)
सोशल मीडिया में छाए होली के रंग
सोशल मीडिया में छाए होली के रंग

जागरण संवाददाता, रामपुर बेलौली (मऊ) : गंवई परिवेश से भी झांझ, मंजीरे, झाल व ढोलक के साथ होली, चैता, चौताल, बारहमासा अथवा जोगीरा आदि आहिस्ता-आहिस्ता विलुप्त होते जा रहे हैं। अब हर ओर सोशल मीडिया पर होली की धूम मची हुई है। ग्रुप से लेकर वन टू वन खूबसूरत बधाइयां देने का दौर जारी है। होली के बहाने ठिठोली व व्यंग्य का क्रेज बढ़ा हुआ है। खूबसूरत मैसेज, शायरी व कविता आदि से सोशल मीडिया सराबोर है। जोगीरा के माध्यम से खूब तंज कसे जा रहे हैं। पहले की तरह ग्रीटिग कार्ड खरीद कर लोगों को संदेश भेजना गुजरे जमाने की बात हो चुकी है। फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि से कम समय व कम खर्च में मैसेज का आदान-प्रदान हो रहा है। इंटरनेट की दुनिया में सोशल मीडिया की धूम मची हुई है।

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वर्तमान समय में सोशल मीडिया की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो चुकी है। सोशल मीडिया ने आम जनमानस को बहुत गहराई तक छू लिया है। लोग इससे बेहद प्रभावित हैं और निरंतर इस से जुड़ते चले जा रहे हैं। फेस टू फेस भले ही न मिल पाएं लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो चैट कर ले रहे हैं। वहीं बुजुर्ग बीते जमाने को याद कर दुखी हैं कि आजकल सोशल मीडिया के माध्यम से वैश्विक दूरियां भले ही घटी हैं लेकिन भावनात्मक दूरियां काफी बढ़ गई हैं। जब चौपाल लगाकर होली गीत व चौताला गाया जाता था तो लोग आपसी भेदभाव मिटाकर खूब जश्न मनाते थे।


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