दोगुनी आय के लिए हाईटेक नर्सरी बनेगी वाहक
जागरण संवाददाता मऊ राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत राष्ट्रीय अलंकृत उद्यान चंद्रभानपुर
जागरण संवाददाता, मऊ : राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत राष्ट्रीय अलंकृत उद्यान चंद्रभानपुर में दो दिवसीय औद्यानिक गोष्ठी का मंगलवार की सुबह शुभारंभ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उद्यान, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार कृषि निर्यात श्रीराम चौहान ने किया। साथ ही उद्यान पर नवनिर्मित सेंटर आफ एक्सीलेंस फार वेजिटेबल हाइटेक नर्सरी का उद्घाटन उन्होंने किया। परिसर में विभागों के स्टाल लगाए गए थे।
निदेशक उद्यान ने कृषकों की आय दोगुनी करने के लिए सब्जी की खेती करने के लिए सुरक्षित नर्सरी तैयार कराकर रोपण करने व उन्नतशील प्रजातियों व प्रसंस्करण के संबंध में जानकारी दी। साथ ही मशरूम को सह व्यवसाय के रूप में अपनाने व इसके लाभ के संबंध में बताया गया। जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार ने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं व अनुदान के संबंध में बताया। जिला गन्ना अधिकारी सुनील सिंह ने गन्ने की खेती व तकनीकी की जानकारी व विपणन के बारे बताया। कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी के वैज्ञानिक डा. चौहान ने कृषि के मशीनीकरण तकनीकी पहल की जानकारी दी। डा. अजीत ने कृषि रक्षा की जानकारी दी। डा. वीके सिंह ने औषधिक खेती व फार्मर प्रोड्यूसर आर्गनाईजेशन के संबंध में बताया। उद्यान मंत्री ने औद्यानिक खेती को अपनाने व पूर्वांचल के विकास में बागवानी, उन्नतिशील शाक फार्म व मशरूम को अपनाकर लाभ कमाने पर जोर दिया। इस अवसर पर गोष्ठी के विभिन्न विभागों द्वारा कृषि, उद्यान, सहकारिता, वन, पशुपालन, गन्ना आदि के स्टाल लगाए गए थे। मंत्री ने जैविक खेती के प्रोत्साहन की बात बताई। अंत में जिला उद्यान अधिकारी सुभाष कुमार ने योजनाओं की संक्षिप्त जानकारी देते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया। संचालन राजेश श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर उद्यान निदेशक डा. आरके तोमर, उप निदेशक उद्यान मनोहर सिंह, जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डा. एसएन सिंह चौहान सतिराज यादव, हरिश्चंद्र, जितेंद्र कुमार आदि किसान उपस्थित थे। इनसेट--
प्रतिमाह तीन लाख पौधे होंगे तैयार
हाइटेक नर्सरी का निर्माण सवीर बायोटेक संस्था से कराया गया है। इसकी निर्माण लागत 86 लाख रुपये है तथा इस केंद्र पर प्रदर्शन, पाली हाउस, ड्रिप व अन्य कार्याें के लिए 18 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। इस हाइटेक नर्सरी पर प्रति माह तीन लाख पौधे तैयार कर कृषकों को न्यूनतम मूल्य पर उपलब्ध कराया जाएगा। इससे शाकभाजी की अगेती फसल तैयार कर कृषक अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। नर्सरी में पौधे बीजरोपण से भी आटोमेटिक सीडर मशीन से प्लास्टिक ट्रे में तैयार किया जाएगा। इसमें रोपण माध्यम कोकोपिट, वर्मीकुलाइट तथा परलाइट होता है। नियंत्रित तापक्रम में पौधे की स्वस्थ नर्सरी तैयार की जाती है। कोकोपिट रोपण सामग्री में बीज रोपण से पौधों के बेहतर जड़ विकास होता है। यहां तैयार पौधों का विक्रय दो रुपये प्रति पौधा किया जाएगा। यदि किसान अपना बीज लेकर पौधे जमाव/तैयार कराने के लिए केंद्र पर आते हैं तो पौधे तैयारकर कृषकों से एक रुपया प्रति पौधे उत्पादन प्रभार लिया जाएगा।