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घाघरा की जद में आए कई गांव, जलमग्न हुई किसानों की फसलें

पहाड़ी एवं मैदानी इलाकों में हो रही मुसलाधार बारिश के चलते घाघरा के जलस्तर में निरंतर वृद्धि हो रही है। अवराडांड में घाघरा खतरा बिदु से 50 सेंटीमीटर ऊपर उफन रही है। वहीं गुरुवार को गौरीशंकर घाट पर घाघरा का जलस्तर 35 सेंटीमीटर तक बढ़ा जो अब लाल निशान के नजदीक पहुंच गया है। बारिश के चलते खेतों एवं ताल-तलैयों में पानी भर गया है। इसके चलते बाढ़ का पानी खेतों में ही फैलने लगा है। नदी का पानी लोहड़ा देवारा क्षेत्र में फैल गया है। इससे दर्जनों एकड़ खेत जलमग्न हो गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 05:26 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 05:26 PM (IST)
घाघरा की जद में आए कई गांव, जलमग्न हुई किसानों की फसलें
घाघरा की जद में आए कई गांव, जलमग्न हुई किसानों की फसलें

जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : पहाड़ी एवं मैदानी इलाकों में हो रही मुसलाधार बारिश के चलते घाघरा के जलस्तर में निरंतर वृद्धि हो रही है। अवराडांड में घाघरा खतरा बिदु से 50 सेंटीमीटर ऊपर उफना रही है। वहीं गुरुवार को गौरीशंकर घाट पर घाघरा का जलस्तर 35 सेंटीमीटर तक बढ़ा, जो अब लाल निशान के नजदीक पहुंच गया है। बारिश के चलते खेतों एवं ताल-तलैयों में पानी भर गया है। इसके चलते बाढ़ का पानी खेतों में ही फैलने लगा है। नदी का पानी लोहड़ा देवारा क्षेत्र में फैल गया है। इससे दर्जनों एकड़ खेत जलमग्न हो गए हैं।

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घाघरा तटवर्ती इलाकों में तांडव मचाना शुरू कर दी है। इससे रामनगर, नवली, कीर्तिपुर, रामपुर धनौली, बहादुरपुर, पतनई, सरया, गोधनी, बीबीपुर, ताहिरपुर, गौरीडीह, बेलौली, पुरमोती, रसूलपुर सहित दर्जनों गांव चपेट में हैं। तटवर्ती इलाकों की फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। बरसात के चलते ग्रामीण अंचल में जल स्तर ऊपर हो गया है। घाघरा का जलस्तर बढ़ने से बरसात का पानी नदी में नहीं जा पा रहा है। किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। गौरीडीह के समीप बना रेगुलेटर खराब होने के नाते नदी के उफान पर पानी पाऊस ताल में चला जाता है। इससे किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं। नदी में उफान से भारत माता मंदिर के नीचे दबाव बढ़ गया है। नदी की धारा मंदिर से टकराकर सिचाई विभाग को चुनौती दे रही है। गत वर्ष सिचाई विभाग द्वारा कटान रोकथाम के लिए किया गया कार्य कितना कारगर साबित होगा यह तो समय बताएगा। खाकी बाबा मंदिर से शाही मस्जिद के बीच कटाव को रोकने के लिए सिचाई विभाग द्वारा कराए गए आधे-अधूरे कार्य से लोगों में काफी दहशत है। शासन की मंशा के अनुरूप जून तक सिचाई विभाग द्वारा कार्य हो जाना चाहिए था परंतु कार्य नहीं हुआ। जिस प्रकार दो-तीन दिनों से घाघरा के जलस्तर में बढ़ाव हो रहा है, उससे गुरुवार की रात तक गौरीशंकर घाट पर लाल निशान पर कर जाने की पूरी संभावना बनी हुई है। प्वाइंटर इनसेट

- अवराडांड में खतरा बिदु 70.40 के सापेक्ष जलस्तर 70.90 मीटर।

- गौरीशंकर घाट पर खतरा बिदु 69.90 मीटर के सापेक्ष जलस्तर 69.75 मीटर।

- हालानाला पर खतरा बिदु 66.31 मीटर के सापेक्ष जलस्तर 62.90 मीटर।


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