भूसा मशीन के साथ न मिलने पर हार्वेस्टर सीज
जागरण संवाददाता मऊ पराली को भूसा बनाने वाली मशीन लगाए बिना खेतों में हार्वेस्टर मशीन चलान
जागरण संवाददाता, मऊ : पराली को भूसा बनाने वाली मशीन लगाए बिना खेतों में हार्वेस्टर मशीन चलाना किसानों को भारी पड़ने लगा है। सदर उपजिलाधिकारी निरंकार सिंह ने निरीक्षण के दौरान ताजोपुर में जब एक किसान के खेत में बिना भूसा मशीन के ही हार्वेस्टर चलते देखा तो तत्काल प्रभाव से हार्वेस्टर सीज कर दिया। वहीं, किसान को भी उन्होंने कड़ी फटकार लगाई और दोबारा ऐसी गलती न करने की चेतावनी दी। जिले के प्रत्येक तहसील क्षेत्र में पक चुकी धान की फसल की कटाई का सिलसिला तेजी से चल रहा है। सीमांत किसानों के धान की फसल जहां पशुपालन करने वाले मजदूर केवल पुआल लेकर कर दे रहे हैं, वहीं बड़े किसानों को हार्वेस्टर मशीन लगाकार फसल कटवाना पड़ रहा है। सदर उपजिलाधिकारी निरंकार सिंह ने बताया कि खेतों में पराली जलाना पूर्णत: प्रतिबंधित है। इसलिए हार्वेस्टर मशीन के साथ-साथ भूसा बनाने वाली अथवा पराली का उचित निस्तारण करने वाली मशीन रखना अनिवार्य शर्त है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो हार्वेस्टर को सीज कर दिया जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी हार्वेस्टर रखने वाले किसान की होगी। कहा कि इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी सैटेलाइट के माध्यम से की जा रही है। इसलिए खेत में पराली जलाने की घटना हो या बिना भूसा बनाने वाली मशीन के हार्वेस्टर चलाने की घटना हो, कुछ भी छिपाया नहीं जा सकता है। पराली जलाने पर प्रति घटना 2500 से लेकर 15000 तक जुर्माना लग सकता है। कहा कि ताजोपुर के किसान शंभू पांडेय के खेत में बिना भूसा मशीन के हार्वेस्टर मशीन मिली थी, जिसे सरायलखंसी थाने में सीज कर दिया है।