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बाइक पर लक्जरी वाहनों के बराबर न लगे जीएसटी

बड़े वाहन भले ही घर-घर न हों लेकिन बाइक की जरूरतें घर-घर हैं। जिले की परिवहन प्रणाली शहरों में भले ही कुछ अच्छी हो लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी लचर है। शहर से किसी का घर पांच या सात किलोमीटर दूर है तो उसे रोजमर्रा की जरूरतों के लिए शहर तक आने के लिए स्वयं के साधन अथवा पैदल चलने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 07:37 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 06:08 AM (IST)
बाइक पर लक्जरी वाहनों के बराबर न लगे जीएसटी
बाइक पर लक्जरी वाहनों के बराबर न लगे जीएसटी

जागरण संवाददाता, मऊ : बड़े वाहन भले ही घर-घर न हों, लेकिन बाइक की जरूरतें घर-घर हैं। जिले की परिवहन प्रणाली शहरों में भले ही कुछ अच्छी हो, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी लचर है। शहर से किसी का घर पांच या सात किलोमीटर दूर है तो उसे रोजमर्रा की जरूरतों के लिए शहर तक आने के लिए स्वयं के साधन अथवा पैदल चलने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है। निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों में ही बाइकों की सबसे ज्यादा खरीदारी होती है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर जीएसटी का सबसे बड़ा स्लैब यानि 28 प्रतिशत लगा रखा है। बढ़ी कीमतों के बीच वाहन की बिक्री में लगातार गिरावट देखी जा रही है।

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आटो सेक्टर में आई मंदी के पीछे कई कारक हैं। जेपी हीरो के डायरेक्टर शैलेंद्र मिश्रा ने बताया कि 28 प्रतिशत जीएसटी का बोझ सीधे तौर पर निम्न आय के लोगों पर पड़ रहा है। बाजार में जल्द ही बीएस-6 उत्सर्जन मानक के वाहन आ जाएंगे, जिनकी कीमत 8000 से 10000 रुपये तक अधिक रहेगी। आटो सेक्टर में छाई मंदी को सुधारने के लिए वित्तमंत्री को बाइक से कम से कम जीएसटी करनी होगी। राजपूत हीरो के डायरेक्टर संजय सिंह ने कहा कि सिगरेट और शराब के बराबर बाइक पर जीएसटी का रेट लगाना समझ से परे है। रोड टैक्स भी मूल्य का 10 प्रतिशत है, जो बहुत अधिक है। इसे भी कम किया जाना चाहिए। आटो सेक्टर के कारोबारियों का कहना है कि बीएस-4 वाहनों को एक अप्रैल के बाद ही बेचने व रजिस्ट्रेशन कराने की अनुमति दिया जाए। भले ही उत्पादन 31 मार्च तक बंद कर दिया जाए। वाहनों की अधिकतम आयु मानते हुए स्क्रैप पालिसी निर्धारित की जाए, जिससे नए खरीदारों को बढ़ावा मिलेगा। इससे प्रदूषण भी कम होगा तथा नए वाहनों के उत्सर्जन के नियमों को लागू करने में मदद मिलेगी। आयकर की वर्तमान दर अधिकतम 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत की जाए एवं अधिभार पूरी तरह समाप्त किया जाए। म्यूचुअल फंड एवं शेयर में लांग टर्म गेन पूरी तरह समाप्त किया जाए, जिससे लोगों का शेयर मार्केट में ज्यादा से ज्यादा निवेश करने का उत्साह बने। किसानों को खाद एवं बीज के लिए दी जाने वाली किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाई जाए जिससे किसान उत्साहित हों। प्रतिक्रिया :

फोटो : ज्यादातर वाहनों की खरीद फाइनेंस के माध्यम से की जाती है, जिसकी प्रोसेसिग फी व ब्याज दर बहुत अधिक है। भारत सरकार को इसे हर हाल में कम करना होगा।

- संजय सिंह, एमडी, राजपूत हीरो, मऊ। फोटो : बाइक बाजार को मंदी से बाहर निकालने के लिए 100 से 125 सीसी की बाइकों से जीएसटी के 28 प्रतिशत के सबसे बड़े स्लैब को वित्तमंत्री को न्यूनतम करना चाहिए।

- शैलेंद्र मिश्रा, एमडी, जेपी हीरो, मऊ। फोटो : वाहनों की कीमत करके ही निम्न मध्यम वर्ग के लोगों को क्रय करने के प्रति उत्साहित किया जा सकता है। इसके लिए वाहनों पर लगे कर कम से कम करने होंगे।

- विजयनाथ विश्वकर्मा, देव होंडा घोसी। फोटो : ट्रैक्टर किसानों की जरूरत की चीज हैं। किसानों की स्थिति बेहतर नहीं है। इसलिए सरकार को कृषि यंत्रों को खरीदने के लिए किसानों को विशेष पैकेज घोषित कर प्रोत्साहित करना होगा।

- माधवेंद्र बहादुर सिंह, विमला ट्रैक्टर्स, मऊ।


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