घाघरा के जलस्तर में कमी, वेग तेज
जागरण संवाददाता दोहरीघाट (मऊ) घाघरा के जलस्तर में निरंतर कमी आ रही है परंतु ल
जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : घाघरा के जलस्तर में निरंतर कमी आ रही है परंतु लहरों का वेग और तीव्र होता जा रहा है। तेजी से घटते जलस्तर का आलम यह है कि नगर के कई धार्मिक स्थल कटान की जद में आ गए हैं। तटवर्ती इलाकों में कटान का खतरा बढ़ता जा रहा है। श्मशान घाट पर घाघरा का दबाव बढ़ गया है। नवली के समीप महुला गढ़वल बांध में रेगुलेटर बंद है। इससे नदवा ताल से जुड़े सैकड़ों एकड़ भूमि जलमग्न है। इन खेतों में रोपी गई धान की फसल बर्बाद हो गई है। नई बाजार, नवली, लामी, हरधौली, चिउटीड़ाड आदि गांवों के सैकड़ों किसानों की फसलें सड़ने की कगार पर हैं।
नदवाताल में बाढ़ का पानी भर गया है। इससे ताल से उफनाकर क्षेत्र के खेतों में पानी फैल रहा है। धान की फसल के ऊपर पांच फीट तक पानी लगा है। नदी का जलस्तर घटने के बाद भी ताल का पानी नदी में नहीं निकल पा रहा है। बंधे का रेगुलेटर बंद है। सिचाई विभाग उदासीन बना है। बीबीपुर-बिलौली बांध में भी रेगुलेटर बंद है। रेगुलेटर बंद होने से पाऊस, बीबीपुर, ताहिरपुर, पुरमोती, कोरौली, गौरीडीह के किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। ताल में पानी भरा हुआ है। किसान तबाह हैं, सिचाई विभाग मस्त है। नदी का जलस्तर घट चुका है, नदी गौरीशंकर घाट पर खतरा बिदु 69.90 मीटर के सापेक्ष 30 सेंटीमीटर नीचे आ गई है। जैसे-जैसे घाघरा का जलस्तर कम हो रहा है, वैसे-वैसे उफान में तेजी आ रही है। तटवर्ती इलाकों में श्मशान घाट पर काफी दबाव बना हुआ है। नवली से सरहरा तक नदी धीरे-धीरे कटान कर रही है जबकि फोरलेन का पुल इसके ऊपर से ही जा रहा है।