घाघरा की रफ्तार बढ़ी, दर्जनों गांवों पर बाढ़ का खतरा
देवारा से होकर गुजरने वाली घाघरा के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी का क्रम जारी है। उसकी लहरें बेकाबू होकर खतरे का निशान को पार करने को आतुर हैं।
जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : स्थानीय तहसील क्षेत्र के देवारा से होकर गुजरने वाली घाघरा के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी का क्रम जारी है। उसकी लहरें बेकाबू होकर खतरे का निशान को पार करने को आतुर हैं। घाघरा की बाढ़ से चक्कीमुसाडोही सहित देवारा के दर्जनों गांवों के प्रभावित होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। शनिवार की दोपहर बाद हाहानाला पर घाघरा का जलस्तर 65.44 मीटर पर पहुंच गया था, जो खतरा निशान 66.31 मीटर से 87 सेमी नीचे है।
क्षेत्र के देवारा में घाघरा के जलस्तर में वृद्धि होने से छोटे-छोटे नाले भरने लगे हैं। अगर घाघरा के जलस्तर में लगातार इसी तरह बढ़ोत्तरी होती रही तो आने वाले कुछ ही समय में फसलों और पगडंडियों को भी अपनी आगोश में लेना शुरू कर देगा। इससे कई गांवों में आवागमन बाधित हो जाएगा। दुबारी ग्राम पंचायत के मनमन का पुरा, भगत का पुरा, नंद का पुरा, बैरीकंटा, धर्मपुर विशुनपुर के विदटोलिया नई बस्ती, जरलहवा, टाड़ी, कुड़िया, नुरुल्लाहपुर नई बस्ती, सिसवा बलुआ के साथ ही दर्जनों गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
घाघरा का जलस्तर बढ़ने से सबसे विकट समस्या नदी की तलहटी में बसे चक्की मूसाडोही में उत्पन्न हो गई है। हालांकि वहां अभी आवागमन बाधित नहीं हुआ है। जलस्तर में वृद्धि होती रही तो एक दो दिन में ग्रामीणों को गांव से बाहर निकलने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ेगा। चक्कीमुसाडोही के रामलच्छन का पुरवा, बटोही का पुरवा, नगीना का पुरवा और गुजराती का पुरवा सहित पशु अस्पताल, परिषदीय विद्यालय बाढ़ के पानी से प्रभावित हो जाएंगे। प्रधान व गांव में तैनात लेखपाल द्वारा हर समय घाघरा के जलस्तर पर सतर्क निगाह रखी जा रही है।
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बाढ़ चौकियां स्थापित
तहसील क्षेत्र में प्रशासन द्वारा घाघरा की बाढ़ पर दृष्टि रखने के लिए परसिया जयरामगीरी, दुबारी, सुग्गीचौरी, भैरोपुर, सूरजपुर में बाढ़ चौकी की स्थापना की गई है। जहां राजस्व विभाग के साथ ही स्वास्थ्य विभाग व विकास विभाग के कर्मियों को तैनात किया गया है। अवराडांड़ में खतरा निशान से 42 सेंमी ऊपर बह रही नदी
जासं, दोहरीघाट (मऊ) : स्थानीय कस्बे से सटे घाघरा नदी के जलस्तर में बढ़ाव जारी रहने से श्मशान घाट से लगायत रामघाट तक सुरक्षा में लगाए गए बोल्डर धंसते जा रहे हैं। गौरीशंकर घाट पर अभी नदी की लहरें खतरे के लाल निशान से महज आठ सेंमी नीचे रह गई हैं। जबकि अवराडांड़ में नदी खतरा निशान से 42 सेंमी ऊपर बह रही है। बाढ़ का हाल यह कि तटवर्ती गांवों के निचले इलाकों में पानी भर गया है। ताल-तलैया नदी के पानी से लबालब हो चुके हैं। किनारों पर स्थित खेतों में धान की फसलें डूब गई हैं। बीते 24 घंटों में नदी में 07 सेंमी की बढ़ोतरी हुई है। इधर कस्बे में श्मशान घाट की सीढि़यां नदी में डूब चुकी हैं तो लहरों का दबाव भारत माता मंदिर पर काफी बढ़ गया है। सिचाई विभाग के अवर अभियंता के नेतृत्व बोल्डरों को डालकर बचाव के उपाय किए जा रहे हैं।