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श्मशान घाट काटने पर उतारू है घाघरा

घाघरा नदी का जलस्तर बहरहाल पिछले 24 घंटे से स्थिर है। अवराडांड़ में नदी खतरा निशान से 42 सेंमी ऊपर 70.

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 05:51 PM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 10:21 PM (IST)
श्मशान घाट काटने पर उतारू है घाघरा
श्मशान घाट काटने पर उतारू है घाघरा

जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : घाघरा नदी का जलस्तर बहरहाल पिछले 24 घंटे से स्थिर है। अवराडांड़ में नदी खतरा निशान से 42 सेंमी ऊपर 70.82 मीटर पर बह रही है तो गौरीशंकर घाट पर अभी खतरे के निशान से आठ सेंमी नीचे 69.82 मीटर पर है। बावजूद इसके श्मशान घाट पर नदी का दबाव बदस्तूर जारी है। नदी वहां कटान पर उतारू है। सुरक्षा में लगाए गए बोल्डर तेजी से नदी की धारा में समाते जा रहे हैं। उसे बचान के लिए सिचाई विभाग का प्रयास जारी है कितु अभी तक असफलता ही हाथ आ रही है। नदी की धारा मुक्तिधाम पर बैंक रोलिग कर रही है। इससे कटान की संभावना बढ़ती जा रही है। बाढ़ के पानी में श्मशान घाट डूब गया है। दाह संस्कार में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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रसूलपुर आश्रम पर नदी दो मीटर भीतर तक कटान करते हुए चली आई है। सिचाई विभाग द्वारा जो प्रोजेक्ट बनाया गया है उसके अनुरूप काम न होने से कटान की संभावना बढ़ती जा रही है। सिचाई विभाग द्वारा कराया गया काम नदी की धारा में विलीन होता जा रहा है। इससे तटवासियों में काफी दहशत है। रसूलपुर आश्रम के लोग काफी परेशान हैं, उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। जिलाधिकारी के दौरे के बाद मौके पर कुछ काम हुआ लेकिन काम आधा अधूरा रह गया। पता चला है कि सिचाई विभाग के लोग मौके पर खानापूर्ति करके चले जाते हैं। रसूलपुर : मानक के अनुसार काम न होने का दंश

अति संवेदनशील स्थल रसूलपुर आश्रम में जहां पर विभाग ने जो कार्य कराया है अब तक उसका आकलन किया जाए तो रसूलपुर में बालू की बोरियों का पहाड़ बन गया होता लेकिन कार मानक के अनुरूप न होने के कारण नदी में बालू की बोरियां विलीन होती जा रही हैं

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हाहानाला पर 65.48 मीटर पर ठहरा घाघरा का जलस्तर

जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : स्थानीय तहसील क्षेत्र के हाहानाला पर रविवार की दोपहर में घाघरा का जलस्तर 65.48 मीटर पर जाकर स्थिर हो गया है। यह अभी खतरा के निशान 66.31 मीटर से 83 सेंमी नीचे है। घाघरा का पानी अभी आबादी के बीच नहीं पहुंचा है लेकिन बाढ़ की आशंका अभी समाप्त नहीं हुई है। ग्रामीणों के साथ ही प्रशासन जलस्तर पर सतर्क ²ष्टि बनाए हुए है। प्रदेश की सरयू, राप्ती, घाघरा में बारिश और नेपाल से पानी छोड़े जाने के चलते लगभग एक सप्ताह से जलस्तर में वृद्धि होने लगी थी। चूंकि घाघरा बलिया जनपद में जाकर गंगा में विलीन हो जाती है। गंगा में बाढ़ के चलते घाघरा नदी का पानी गंगा में नहीं जा रहा है। लिहाजा घाघरा से संबंधित क्षेत्र में बाढ़ की संभावना उत्पन्न हो गई है। हाहानाला पर 65.48 मीटर पर जलस्तर पहुंचने के चलते घाघरा की तलहटी में स्थित चक्की मूसाडोही के साथ ही देवारा के दर्जनों गांव बाढ़ की आशंका से ग्रसित हो गए हैं। हालांकि जलस्तर ठहरने से ग्रामीणों ने राहत की सांस अवश्य लिया है। अगर घाघरा के जलस्तर में दोबारा वृद्धि हुई तो देवारा के दर्जनों गांव के साथ ही चक्कीमुसाडोही बाढ़ से प्रभावित हो जाएगा।


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