खाद्य सामग्री में मिलावट, 27 विक्रेताओं पर मुकदमा
खाद्य विश्लेषक प्रयोगशाला लखनऊ से रिपोर्ट आने के बाद विभाग ने उठाया कदम - दीपावली से पहले अभियान चलाकर लिए गए थे नमूने - खाद्य सामग्रियों के संदिग्ध 34 में 27 नमूने निकले फेल
जागरण संवाददाता, मऊ : खाद्य सामग्रियों में मिलावट करने वाले मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर उत्तर प्रदेश शासन की ओर से अब कोई हमदर्दी नहीं दिखाई जा रही है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के जिला अभिहीत अधिकारी श्रवण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि दीपावली पर अलग-अलग तहसील क्षेत्रों में अभियान चलाकर खाद्य सामग्रियों के कुल 34 नमूने लिए गए थे, जिसमें 27 नमूनों में गड़बड़ी पाई गई है। कहा कि 27 मिष्ठान्न व खाद्य सामग्री के विक्रेताओं के खिलाफ अपर जिलाधिकारी की कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के जिला अभिहीत अधिकारी श्रवण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार दीक्षित के नेतृत्व में दीपावली से पहले सभी तहसीलों के अंतर्गत आने वाले खाद्य सामग्रियों के प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कराया गया था। इस दौरान अलग-अलग सामानों के कुल 34 नमूनों में मिलावट की जांच के लिए उन्हें खाद्य विश्लेषक प्रयोगशाला लखनऊ भेजा गया था। कहा कि खोवा के दो नमूने लिए गए थे, जिसमें दोनों मानक के अनुरूप नहीं हैं। इसी प्रकार दुग्ध उत्पादों यानि छेना, बर्फी आदि के 17 नमूने लिए गए थे, जिसमें से 14 नमूने मानक के विपरीत मिले हैं। खाद्य तेल के तीन नमूनों में से दो फेल हैं, जबकि घी का एक नमूना लिया गया था, वह भी फेल है। वहीं, नमकीन के तीन में से दो नमूने मानक के विपरीत हैं। जबकि मशाला, चिप्स, गड़ी बुरादा आदि के सात नमूनों में छह नमूने फेल हैं। त्रिपाठी ने बताया कि हल्दी पावडर के सिर्फ एक नमूने में ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मिलावट पाई गई है। कहा कि 34 में से जो 27 नमूने मानकविहीन पाए गए हैं, उन दुकानदारों के खिलाऊ केस दर्ज कराने की प्रक्रिया गतिमान है।