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निर्माण इकाई जेपी एसोसिएट्स को अंतिम चेतावनी

विश्व विख्यात बाबा विश्वनाथ व पड़ोसी मित्र देश नेपाल के बाबा पशुपतिनाथ को सीधे जोड़ने वाला वाराणसी-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-29 को फोरलेन में तब्दील करने की मोदी सरकार की निर्धारित समय सीमा बीते अक्टूबर माह में ही समाप्त हो गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 05:53 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 05:53 PM (IST)
निर्माण इकाई जेपी एसोसिएट्स को अंतिम चेतावनी
निर्माण इकाई जेपी एसोसिएट्स को अंतिम चेतावनी

जागरण संवाददाता, मऊ : विश्वविख्यात बाबा विश्वनाथ व पड़ोसी मित्र देश नेपाल के बाबा पशुपतिनाथ को सीधे जोड़ने वाला वाराणसी-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-29 को फोरलेन में तब्दील करने की मोदी सरकार की निर्धारित समय सीमा बीते अक्टूबर माह में ही समाप्त हो गई। निर्माण की गति का आलम यह है कि पिछले छह माह से निर्माण कार्य 36 फीसद पर ही रुका हुआ है। प्रधानमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल इस राजमार्ग के निर्माण में कभी प्रशासन तो कभी खुद निर्माण इकाई रोड़ा बना हुआ है। उधर पिछले कई माह से फोरलेन निर्माण इकाई जेपी एसोसिएट्स आर्थिक मंदी की मार से जूझ रहा है। इसका नतीजा है कि निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा है। उधर केंद्र सरकार की फोरलेन निर्माण की समय सीमा समाप्त होने के बाद फिर एक वर्ष का समय बढ़ा कर दिसंबर 2020 कर दिया गया है। वर्तमान परिस्थितियों में एनएचएआइ को 12 माह में 64 फीसदी कार्य पूर्ण करना असंभव सा प्रतीत हो रहा है। इसको लेकर अब एनएचएआइ अब किसी कोताही के मूड में नहीं है। दिल्ली मुख्यालय पर हुई प्राधिकरण की बैठक में निर्माण इकाई को अंतिम चेतावनी दी गई है। मुख्यालय ने एक सप्ताह का समय देते हुए पूरे संसाधनों के साथ निर्माण कार्य शुरू कराने की चेतावनी दी है। अगर एक सप्ताह में फोरलेन पर कार्य शुरू नहीं हुआ तो प्राधिकरण दूसरे प्रमोटर का विकल्प भी आजमा सकता है।

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दो वर्ष में महज 36 फीसदी हुआ निर्माण

लगभग 2500 करोड़ निर्माण की लागत से बनने वाले अप्रैल 2017 में शुरू इस फोरलेन की इस परियोजना को पूरा कर लेने की अवधि 31 अक्टूबर 2019 तय की गई। 30 माह यानि अक्टूबर 2019 में रोड, अंडरपास, पुल, बाइपास आदि का निर्माण पूरा करना था। समय सीमा लगभग पूरी होने के करीब है और काम अभी भी 64 फीसदी कार्य शेष है। छह माह पूर्व कार्यदायी संस्था जेपी एसोसिएट्स आर्थिक संकट में फंस गई। इसके चलते निर्माण ठप रहा। एनएचएआइ ने कार्यदायी एजेंसी जेपी एसोसिएट्स को काम में तेजी लाने के लिए कई बार नोटिस जारी किया। कोई सुधार न होने पर मार्च 2019 से भुगतान रोक दिया और उसके कार्यदायी एजेंसी बने रहने के औचित्य पर अंतिम फैसले के लिए उसकी फाइल दिल्ली हेडक्वार्टर मंगा ली गई। अंतत: एनएचएआइ ने कार्यदायी एजेंसी को बकाया भुगतान करते हुए समय देने का फैसला लिया। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा दिसंबर 2020 तक की समय सीमा निर्धारित की गई। अब जबकि आधा जनवरी माह भी बीत गया परंतु निर्माण तेजी नहीं पकड़ पा रहा है।

इनसेट--

12 माह में कैसे होगा 94 किमी निर्माण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक गृह क्षेत्र गोरखपुर को सीधे जोड़ने वाला फोरलेन का निर्माण समय से नहीं हो पाएगा। केंद्र सरकार का निर्देश था कि अक्टूबर 2019 तक फोरलेन चलने योग्य तैयार हो जाए परंतु आंकड़े दूर-दूर तक इसके गवाही नहीं देते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग-29 की कुल दूरी 215 किलोमीटर है। इसमें 85 किलोमीटर एनएएचआई वाराणसी परिक्षेत्र तथा 130 किलोमीटर गोरखपुर परिक्षेत्र में आता है। बीते दो वर्षों में गोरखपुर परिक्षेत्र में मात्र 36 किलोमीटर फोरलेन का ही निर्माण हो पाया है। ऐसे में दिसंबर माह तक 94 किलोमीटर का निर्माण करा पाना असंभव दिख रहा है।

इनसेट--

एक नजर में फोरलेन

कुल लागत - 2500 करोड़

-लम्बाई : 215 किमी

-बाईपास : 09

-बड़े पुल : 15

-छोटे पुल : 34

-फ्लाईओवर : 07

-ओवरब्रिज : 05

-टोल प्लाजा : 03

-रोड जंक्शन : 23

36 किमी - फोरलेन का हुआ निर्माण वर्जन--

'दिल्ली मुख्यालय पर हुई समीक्षा में वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन के निर्माण की खराब प्रगति पर प्राधिकरण ने निर्माण इकाई जेपी एसोसिएट्स को अंतिम चेतावनी दी है। एक सप्ताह का समय देते हुए प्राधिकरण ने कार्य को पूर्ण रूप से धरातल पर शुरू कराने का सख्त निर्देश दिया है। एक सप्ताह बाद इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बाद प्राधिकरण कुछ कड़े कदम उठा सकता है।'

- श्रीप्रकाश पाठक, परियोजना प्रबंधक एनएएचआई गोरखपुर।


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