बारिश के बाद कोहरा बढ़ा रहा किसानों की धड़कन
गुरुवार की रात हुई बारिश ने शुक्रवार को भी अपना जलवा कायम रखा। शनिवार को मौसम में काफी सुधार दर्ज किया गया। किसानों को लगा कि बारिश से हुए नुकसान की शीघ्र भरपाई होगी पर शनिवार की रात से छाया घना कोहरा रविवार की सुबह नौ बजे तक बना रहा। इसके बाद भी पूरे दिन गायब रही धूप ने किसानों की धड़कन बढ़ा दिया है।
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : गुरुवार की रात हुई बारिश ने शुक्रवार को भी अपना जलवा कायम रखा। शनिवार को मौसम में काफी सुधार दर्ज किया गया। किसानों को लगा कि बारिश से हुए नुकसान की शीघ्र भरपाई होगी पर शनिवार की रात से छाया घना कोहरा रविवार की सुबह नौ बजे तक बना रहा। इसके बाद भी पूरे दिन गायब रही धूप ने किसानों की धड़कन बढ़ा दिया है।
दरअसल इस वर्ष सितंबर माह से ही कुदरत किसानों पर कहर बरपा रही है। सितंबर के अंतिम सप्ताह में जमकर हुई बारिश के चलते ताल क्षेत्र के धान के खेतों की अभी तक कटाई न हो सकी है। समूचे जिले में ऐसे खेतों का क्षेत्रफल लगभग 4.05 हजार हेक्टेयर है। अन्य क्षेत्रों में भी धान की कटाई विलंबित होने से रबी की बोआई प्रभावित हुई है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार अभी तक लगभग 19 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की बोआई बाकी है। उधर बरसात और फिर कोहरा के चलते इन खेतों के निखार में लगने वाला समय बढ़ गया है। ऐसे में अब रबी की बोआई विलंबित ही नहीं अतिविलंबित हो जाएगी। राजकीय कृषि बीज भंडारों में इस श्रेणी के बीज नहीं हैं। ऐसे में अतिविलंबित प्रजाति के बीजों की व्यवस्था के लिए किसानों को भागदौड़ करनी होगी। इससे इतर एक अन्य समस्या यह कि बरसात मे भीग गए धान को सूखाकर नमी की मात्रा मानक के अनुरूप 17 फीसदी तक ले आने के लिए किसानों को अब कुछ और दिन धान की सुरक्षा और सुखाने की परेशानी से जूझना होगा। कारण यह कि मौसम साफ होने पर दिन में जितनी नमी घटेगी, रात में छाने वाला कोहरा उसे कुछ बढ़ा देगा।