दो दशक से चल रहा था नकली डीजल-पेट्रोल का कारोबार
तहसील क्षेत्र के सिपाह इब्राहिमाबाद में लगभग दो दशक से केरोसिन आयल में केमिकल मिलाकर नकली डीजल-पेट्रोल बनाने का कारोबार चल रहा था।
जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : तहसील क्षेत्र के सिपाह इब्राहिमाबाद में लगभग दो दशक से केरोसिन आयल में केमिकल मिलाकर नकली डीजल-पेट्रोल बनाने का कारोबार चल रहा था। जब जिलाधिकारी ने इसका संज्ञान लिया, तब जाकर इस पर प्रशासन ने कार्रवाई की और एक बड़ा मामला उजागर हुआ।
क्षेत्र के सिपाह इब्राहिमाबाद में पहले केरोसिन आयल में केमिकल मिलाकर उसकी ज्वलनशीलता बढ़ा दी जाती थी और उसको चट्टी-चौराहा पर फुटकर में दुकान करने वालों के माध्यम से पेट्रोल की बिक्री कराई जाती थी लेकिन जागरूकता बढ़ी और लोगों ने फुटकर में पेट्रोल लेना कम कर दिया तो नकली ईंधन के कारोबारियों ने केरोसिन से नकली डीजल बनाना शुरू कर दिया। टैंकर के माध्यम से पेट्रोल पंपों पर आपूर्ति शुरू कर दी। चूंकि नकली डीजल की बिक्री में लंबा मुनाफा होता था। लिहाजा पेट्रोल पंप मालिक भी महीने में एक या दो टैंकर नकली डीजल की बिक्री करने में दिलचस्पी लेने लगे थे। सबसे बड़ी बात यह कि इस अवैध कारोबार के लिए बकायदा फर्म बनाकर असली का जामा पहना दिया गया था। लोगों का मानना है कि अगर इस गोरखधंधे की गहराई से जांच हो जाए तो एक बड़े काले कारोबार का पर्दाफाश हो सकता है।