लू के थपेड़ों से झुलस जा रहे चेहरे, दोपहर में चलना मुश्किल
अप्रैल के शुरुआत में भी गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। हालात यह है कि पिछले तीन दिनों से लू के थपेड़ों से आम जनमानस के चेहरे झुलस जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, मऊ : अप्रैल के शुरुआत में भी गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। हालात यह है कि पिछले तीन दिनों से लू के थपेड़ों से आम जनमानस के चेहरे झुलस जा रहे हैं। गर्म हवाओं के झोको से दोपहर में चलना मुश्किल हो गया है। लगातार तीन दिनों से मौसम का अधिकतम पारा 38 व न्यूनतम पारा 18 डिग्री सेल्सियस पर बरकरार है। दोपहर में कड़ाके की धूप में लोग बिना गमछा व रूमाल के बाहर नहीं निकल रहे हैं। बाइक पर सवार लोग हेलमेट लगाकर चल रहे हैं। गर्मी की वजह से लोग परेशान हैं। दूसरी तरफ गर्मी बढ़ने के साथ ही विद्युत की अघोषित कटौती भी होनी शुरू हो गई है।
पिछले कई दिनों से मौसम का तेवर बदलता जा रहा है। दिन-प्रतिदिन सूर्य की किरणें लोगों के त्वचा को प्रभावित करना शुरू कर दी है। शरीर पर सूर्य की किरणों के पड़ने से छटपटाहट शुरू हो जा रही है। सुबह आठ बजे के बाद सूर्य की रोशनी तीक्ष्ण रूप से पहुंच रही है। ऐसा लग रहा है कि दोपहर की स्थिति है। इसकी वजह से लोग सुबह ही अपने कार्य निबटा रहे हैं। दूसरी तरफ खेतों में किसानों के गेहूं की फसल खड़ी है। वही मौसम गर्म होने के साथ ही किसान गेहूं की कटाई शुरू कर दिए हैं। युद्धस्तर पर गेहूं की कटाई की जा रही है। यही नहीं गर्मी के साथ ही खीरा, ककड़ी की बिक्री भी शुरू हो गई है। खासकर खरबूज व तरबूज भी मार्केट में छा गए हैं। कोल्ड ड्रिक्स व लस्सी की भी बहार आ गई है। अब लोगों का रूझान इनकी तरफ ज्यादा दिख रहा है। फोर लेन व सिक्सलेन बनने की वजह से सारे पेड़ कट गए हैं। इसलिए रास्ते में चलने वाले लोग छाया के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। भीषण गर्मी से पशु पक्षियों का भी बुरा हाल है। कुल मिलाकर जिस तरह से सूर्यदेव अपना तेवर बदल रहे हैं, उससे लग रहा है कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक पारा और बढ़ सकता है। इससे लोगों की मुसीबत बढ़ सकती है।