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आज शाम थम जाएगा चुनावी शोर

घोसी विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव के तहत मतदान की तिथि महज दो दिन दूर है। शनिवार की शाम पांच बजे के बाद न तो लाउडस्पीकर पर जिदाबाद का शोर सुनाई देगा ना किसी नेता की जनसभा होगी। अन्य जिलों एवं क्षेत्रों से प्रचार को आए तमाम मंत्रियों एवं पूर्व मंत्रियों सहित तमाम दिग्गज प्रचारकों को वापस जाना होगा। आयोग अब प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों पर खास नजर रखेगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 12:25 AM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 06:12 AM (IST)
आज शाम थम जाएगा चुनावी शोर
आज शाम थम जाएगा चुनावी शोर

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : घोसी विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव के तहत मतदान की तिथि महज दो दिन दूर है। शनिवार की शाम पांच बजे के बाद न तो लाउडस्पीकर पर जिदाबाद का शोर सुनाई देगा ना किसी नेता की जनसभा होगी। अन्य जिलों एवं क्षेत्रों से प्रचार को आए तमाम मंत्रियों एवं पूर्व मंत्रियों सहित तमाम दिग्गज प्रचारकों को वापस जाना होगा। आयोग अब प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों पर खास नजर रखेगा।

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लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 के तहत मतदान समाप्त होने की तिथि और समय के 48 घंटे पूर्व चुनाव प्रचार अभियान पर प्रतिबंध लग जाएगा। 19 अक्टूबर की शाम पांच बजे के बाद न कोई सार्वजनिक सभा होगी, न जुलूस निकलेगा और न ही कोई प्रचार वाहन दिखेगा। शनिवार की शाम पांच बजे के बाद सभी राजनीतिक दलों के ऐसे लोग जो इस क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, क्षेत्र से बाहर हो जाएंगे। यह नियम प्रत्याशी और उसके निर्वाचन अभिकर्ता पर लागू नहीं होगा। यह सुनिश्चित करने को प्रशासन एवं प्रेक्षक सामुदायिक केंद्र, गेस्ट हाउस, होटल, लाज एवं वाहनों के आवागमन पर नजर रखने के साथ ही तलाशी भी ले सकते हैं। शनिवार की शाम पांच बजे के बाद प्रत्याशी और समर्थक नियमानुसार महज जनसंपर्क कर सकते हैं। प्रचार से फुर्सत प्राप्त राजनीतिक दलों की दावतों और समूह में भ्रमण के दौरान मतदाताओं को प्रलोभन या डराए-धमकाए जाने जैसी गतिविधियों पर प्रेक्षकों की नजर होगी। रिटर्निग आफिसर (उपजिलाधिकारी घोसी) विजय कुमार मिश्र ने शनिवार की शाम पांच बजे के बाद भी पूर्व से चल रही जनसभा पर रोक लगाए जाने के लिए व्यवस्था किए जाने का आश्वासन दिया है। दरअसल परंपरा के अनुसार सभी प्रत्याशी अपने सबसे मजबूत गढ़ में आखिरी जनसभा करते हैं। वक्ताओं की लंबी सूची एवं हरेक को तरजीह देने के चलते कई बार यह जनसभा पांच बजे की सीमा पार कर जाती है।


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