चुनावी मुद्दा न बन सकी शिक्षा व्यवस्था
22 लाख 05 हजार 170 की आबादी वाले जनपद में प्रतिवर्ष 27 हजार से अधिक छात्र इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं। इनके लिए शासन द्वारा रोजगारपरक व्यावसायिक शिक्षा का इंतजाम नहीं है। मनचाहे विषय से स्नातक की शिक्षा की व्यवस्था भी नदारद है। निजी संस्थान ही काफी हद तक तकनीकी एवं उच्च शिक्षा की कमी पूरी करते हैं।
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : 22 लाख 05 हजार 170 की आबादी वाले जनपद में प्रतिवर्ष 27 हजार से अधिक छात्र इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं। इनके लिए शासन द्वारा रोजगारपरक व्यावसायिक शिक्षा का इंतजाम नहीं है। मनचाहे विषय से स्नातक की शिक्षा की व्यवस्था भी नदारद है। निजी संस्थान ही काफी हद तक तकनीकी एवं उच्च शिक्षा की कमी पूरी करते हैं। बावजूद इसके शिक्षा व्यवस्था कभी चुनावी मुद्दा न बन सकी।
जनपद शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा है। तकनीकी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा हेतु जनपद के युवा महानगरों को पलायन करते हैं जबकि तमाम छात्राएं घर बैठने को विवश हैं। अब बात करें तकनीकी शिक्षा की तो जनपद में राज्य सरकार द्वारा संचालित मेडिकल एवं इंजीनियरिग डिग्री कालेज बहुत दूर की बात है। राजकीय महाविद्यालय मोहम्मदाबाद को अपवाद मान लें तो जिले के किसी भी अनुदानित महाविद्यालय में कृषि विज्ञान से स्नातक एवं विज्ञान से स्नातकोत्तर की शिक्षा व्यवस्था नहीं है। डिप्लोमा प्रशिक्षण की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। जनपद मुख्यालय पर राजकीय पालीटेक्निक कालेज सहित ऋषि रामनरेश पालीटेक्निक कालेज मोलनापुर (दुबारी) सहित एक अन्य संस्था ने डिप्लोमा प्रशिक्षण प्रारंभ किया है पर गिने चुने ट्रेडों के प्रशिक्षण की ही मान्यता है। अलबत्ता प्राइवेट सेक्टर में एनसीवीटी मान्यता प्राप्त कुछ संस्थान आइटीआइ कोर्स का प्रशिक्षण देते हैं। जनपद का एकमात्र ला कालेज इंदारा एवं एमएड कालेज चिरैयाकोट भी स्ववित्तपोषित महाविद्यालय है तो बीएड प्रशिक्षण की सुविधा प्राप्त सभी महाविद्यालय भी निजी क्षेत्र में हैं। डायट सहित बीटीसी प्रशिक्षण की मान्यता एक दर्जन से अधिक प्राइवेट कालेजों को ही मिली है। बीएससी पाठयक्रम की सुविधा वित्तपोषित डीसीएसके मऊ को है तो मान्यता प्राप्त अन्य संस्थान निजी क्षेत्र में हैं। राजकीय एवं अनुदानित महाविद्यालयों में प्रवक्ता नहीं
जनपद में संतगणिनाथ पीजी कालेज एवं बगली पिजरा पीजी कालेज राजकीय महाविद्यालय हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम पीजी कालेज भुड़सुरी, डीसीएसके पीजी कालेज मऊ, जनता पीजी कालेज रानीपुर एवं सर्वोदय पीजी कालेज घोसी अनुदानित महाविद्यालय हैं। इन महाविद्यालयों में आवश्यकतानुसार शिक्षक नहीं हैं। प्रवक्ता हैं तो भवन की कमी है।