हीमोग्लोबिन कम होने से छात्राएं नहीं कर सकीं रक्तदान
विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा जिला अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सतीशचंद्र सिंह एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ब्रजकुमार द्वारा रिबन काटकर उदघाटन किया गया।
जागरण संवाददाता, मऊ : रक्ताल्पता व खून में हीमोग्लोबिन की कमी की शिकायत सिर्फ घरेलू महिलाओं और ग्रामीण परिवेश की किशोरियों की ही समस्या नहीं है। चिकित्सा विज्ञान की छात्राएं भी इस बीमारी का शिकार हैं। हालात यह कि जिला अस्पताल में आयोजित अभाविप के रक्तदान शिविर में रक्तदान करने पहुंची बीएमएस की छात्राओं का रक्त ही लेने से जिला अस्पताल प्रशासन ने इनकार कर दिया और छात्राओं को निराश होकर लौटना पड़ा।
विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा जिला अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डा.सतीशचंद्र सिंह एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ब्रजकुमार द्वारा फीता काटकर उद्घाटन किया गया। इसके बाद विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने रक्तदान किया। इसमें बापू आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एवं साईं कालेज आफ फार्मेसी एवं विभिन्न विद्यालयों से आए विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने रक्तदान किया। इसमें 13 यूनिट का डोनेशन किया गया। बीएमएस कालेज की छात्राओं को मना कर दिया गया। चिकित्सक का कहना था कि छात्राओं को अभी ब्लड डोनेट नहीं करना है। आपका हीमोग्लोबिन बहुत कम है। इसकी वजह से छात्राओं को निराश होकर लौटना पड़ा। कार्यक्रम में लक्ष्मीकांत, कार्यक्रम संयोजक हर्षित, शुभम, मनीष, कौशिक, गौरव पांडेय, वीर प्रताप आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।