अभियान में डोर टू डोर टीबी मरीजों की होगी स्क्रीनिग
जागरण संवाददाता मऊ जनपद में टीबी मरीजों की पहचान के लिए दो नवंबर से 11 नवंबर तक डोर
जागरण संवाददाता, मऊ : जनपद में टीबी मरीजों की पहचान के लिए दो नवंबर से 11 नवंबर तक डोर टू डोर अभियान चलाया जाएगा। इसमें मरीज के बलगम की जांच के साथ उसकी स्क्रीनिग भी की जाएगी। इसके लिए 90 टीमों को लगाया गया है, इस वर्ष जनपद में कुल 2665 टीबी मरीज मिले हैं।
सीएमओं कार्यालय के सभागार में प्रेसवार्ता के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सतीश चंद्र सिंह ने बताया कि क्षय रोग के खात्मे के लिए सरकार काफी गंभीर है। जनपद में अभियान चलाकर दो नवंबर से दस नवंबर तक डोर टू डोर बलगम की जांच के साथ मरीजों की स्क्रीनिग की जाएगी। समुदाय के लोगो को टीबी के प्रति जागरूक करने का निर्णय लिया गया। इसके अंतर्गत जनपद के कुल जनसंख्या का 10 प्रतिशत लोगों की जांच की जाएगी। प्रत्येक ब्लाक के चार से पांच ग्रामसभा को चिह्नित किया गया है, जिसके अंतर्गत तीन सदस्यीय टीम द्वारा घर-घर जाकर टीबी के संदिग्ध मरीजों को लक्षण के आधार पर चिह्नित किया जाएगा। इसके पश्चात उन मरीजों की जांच कराकर इलाज किया जाएगा। अभियान की पूरी तैयारी कर ली गयी है। इसमें कुल 90 टीमें, 20 सुपरवाइजर, 10 चिकित्साधिकारी एवं जनपद स्तरीय अधिकारीगण समीक्षा के लिए लगाए गए है। संभावित मरीजों के बलगम की जांच संबंधित टीबी लैब में होगी। बताया कि पिछले अभियान 10 अक्टूबर से 23 अक्टूबर 2019 में कुल 243714 लोगों की स्क्रीनिग हुई। इनमें से 1284 जांच हुई। 115 टीबी के नए मरीज मिले। जांच या चिकित्सकीय आधार पर जो भी टीबी के मरीज मिलते हैं, उनकी सीबीनाट मशीन से जांच की जाती है, जिससे मरीज की दवा का सेंस्टिविटी का पता चल सके। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. एसपी अग्रवाल ने बताया कि सरकारी एवं निजी क्षेत्र में इलाज ले रहे टीबी के रोगियों को सामान रूप से सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास कराया जा रहा है। जनपद में जनवरी 2020 से अब तक कुल टीबी के 2665 नए मरीज मिले हैं। इनमें एमडीआर के 133, एक्सडीआर के नौ मरीज शामिल हैं। इसमें से 13 मरीज को बेडाक्यूलीन ट्रीटमेंट पर रखा गया है। डीपीपीएम जयदेश ने बताया गया कि शासन के निर्देशानुसार निजी क्षेत्र में इलाज ले रहे टीबी के रोगियों को नि:क्षय पोर्टल से जोड़कर उन्हें पोषण योजना का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक टीबी के रोगी को प्रतिमाह इलाज के दौरान 500 रुपये दिए जा रहे है।