मुहल्ले में न खुले शराब की दुकान
सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि धार्मिक स्थल विद्यालय व आबादी के बीच शराब की दुकानें नहीं खोला जाएंगी। न्यायालय का आदेश आने के बाद कुछ दिन तक शासन-प्रशासन हौवा बनाने में तो जुटा था परंतु फिर वही मैनेज की कार्रवाई। शासन-प्रशासन की लापरवाही का नतीजा रहा कि सड़कों के किनारे जहां दुकानें धडल्ले से खुली तो धार्मिक स्थल व विद्यालय तक नहीं छुटे।
जागरण संवाददाता, मऊ : सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि धार्मिक स्थल, विद्यालय व आबादी के बीच शराब की दुकानें नहीं खोला जाएंगी। न्यायालय का आदेश आने के बाद कुछ दिन तक शासन-प्रशासन हौवा बनाने में तो जुटा था परंतु फिर वही मैनेज करने की कार्रवाई। शासन-प्रशासन की लापरवाही का नतीजा रहा कि सड़कों के किनारे जहां दुकानें धड़ल्ले से खुलीं तो धार्मिक स्थल व विद्यालय तक नहीं छूटे। नगर के सहादतपुरा वार्ड के पुरानी तहसील मुहल्ले में देशी शराब की दुकान खोले जाने का स्थानीय लोगों ने विरोध कर दिया है। जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर मुहल्लावासियों ने बताया है कि यह शराब की दुकान एक मंदिर व प्रतिष्ठित विद्यालय के बगल ही खुल रहा है। अगर दुकान खुल गई तो जहां मुहल्ले के युवा भटकेंगे तो विद्यालय के पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। मांग किया है कि अतिशीघ्र जांच कराकर इसे हटाया जाए।। ज्ञापन देने वालों में मनोज कुमार जायसवाल, देवेंद्र सिंह, अवधेश सिंह, अवधेश कुमार राय, मुकेश रावत, प्रदीप सिंह आदि शामिल थे।