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ग्राम प्रधानों व सचिवों के ठेंगे पर डीएम का आदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन का बंटाधार करने में ग्राम पंचायतों की अहम भूमिका है। ग्राम प्रधानों व सचिवों के काकस के आगे जिला प्रशासन लाचार नजर आ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 05:34 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 05:34 PM (IST)
ग्राम प्रधानों व सचिवों के ठेंगे पर डीएम का आदेश
ग्राम प्रधानों व सचिवों के ठेंगे पर डीएम का आदेश

जागरण संवाददाता, मऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन का बंटाधार करने में ग्राम पंचायतों की अहम भूमिका है। ग्राम प्रधानों व सचिवों के काकस के आगे जिला प्रशासन लाचार नजर आ रहा है। यही कारण हैं कि तमाम डांट-डपट के बावजूद भी शौचालयों का निर्माण नहीं हो रहा है। इसका संज्ञान लेते हुए बीते सात मार्च को खुद जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने फिसड्डी ग्राम पंचायतों के सचिवों की समीक्षा की थी। इसमें ग्राम सचिवों को सुधार के लिए एक सप्ताह यानि 14 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया गया था। एक सप्ताह का समय बीतने के बाद हालात यह है कि जनपद की 45 ग्राम पंचायतों में शौचालयों का निर्माण न के बराबर हुआ है। जिलाधिकारी के आदेश न मानने वाली ग्राम पंचायतों पर प्रशासन की नजर टेढ़ी हो गई है। जल्द ही जिम्मेदारों पर बड़ी गाज गिर सकती है।

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स्वच्छ भारत मिशन में शौचालयों का निर्माण न कराकर ओडीएफ अभियान को फेल्योर बनाने वाले कर्मचारियों व ग्राम पंचायतों पर प्रशासन का शिकंजा कसना शुरू किया। सात मार्च को एलओबी 'लेफ्ट आउट बेसलाइन' शौचालय निर्माण के प्रगति की समीक्षा कलेक्ट्रेट सभागार में स्वयं जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने की। इसमें आंकड़े काफी चौंकाने वाले रहे। इसमें घोसी, परदहां, फतहपुर मंडाव व रानीपुर विकास खंड में शौचालय निर्माण की प्रगति अत्यंत खराब मिली। जिलाधिकारी ने इस पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए चारों खंड विकास अधिकारी को एक सप्ताह में सुधार ने निर्देश दिए। चेतावनी दिया था कि अगर इस दौरान सुधार नहीं हुआ तो बीडीओ पर कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जाएगा। उधर समीक्षा में कई ग्राम पंचायतें ऐसी भी रही जहां एक भी शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ पाया गया। जिलाधिकारी की दी हुई डेटलाइन पूरी होने के बाद भी ग्राम पंचायतों की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ। इनसेट--

12 ग्राम पंचायतों में एक भी निर्माण नहीं

जिलाधिकारी द्वारा दी गई डेटलाइन में 65 ग्राम पंचायतें ऐसी रही जहां शून्य से लेकर 09 तक शौचालयों का निर्माण हुआ। इसमें 12 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जहां एक भी शौचालयों का निर्माण नहीं किया गया। इसके विभाग ने घोर लापरवाही माना है। अब विभाग ऐसी सभी ग्राम पंचायतों की कुंडली खंगालने में जुटा हुआ है।


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