डायट में सर्द हवाओं से जूझेंगे जिले के टापर
शिक्षण के लायक ही नहीं रह गया जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान का जर्जर भवन - शुल्क देकर भी सुविधाओं के लिए तरस रहे बीटीसी प्रशिक्षु - शासन के संज्ञान न लेने से नाकाफी पड़ रहे प्राचार्य के निजी प्रयास
जागरण संवाददाता, मऊ : मात्र 200 प्रशिक्षुओं के लिए बनाए गए डायट यानि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान प्रांगण में वर्तमान में 400 डीएलएड प्रशिक्षु शिक्षण की बारीकियों का प्रशिक्षण ले रहे हैं, लेकिन प्रांगण में सुविधाएं 50 छात्रों के भी काबिल नहीं हैं। पूरी गर्मी लू खाने के बाद जर्जर भवन की टूटी खिड़कियों से अब सर्द हवाओं के थपेड़ों से प्रशिक्षुओं को जूझना पड़ेगा। डायट प्राचार्य एसपी यादव के निजी प्रयासों से प्रांगण में साफ-सफाई की स्थिति तो बेहतर हुई है, लेकिन शौचालय से लेकर पीने के पानी तक की व्यवस्था अभी भी कदम-कदम पर सवाल खड़ी कर रही है।
संस्थान में ज्यादातर छात्राएं हैं। 400 प्रशिक्षुओं में से लगभग 360 छात्राएं हैं। वैसे तो जिले में दर्जनों डीएलएड या बीटीसी प्रशिक्षण संस्थान हैं, लेकिन डायट उन अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के लिए मिलता है जो हाईस्कूल, इंटर व स्नातक की टाप मेरिट के छात्र होते हैं। 360 महिला बीटीसी प्रशिक्षुओं के उपयोग लिए मात्र दो शौचालय मिले, जिनमें से एक ही काम चलाऊ है। इसमें भी पानी की आपूर्ति की व्यवस्था सुचारू न होने से महिला प्रशिक्षुओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। स्वच्छ पेयजल के लिए प्रांगण में दो वाटर प्यूरीफाइर लगाए गए हैं, लेकिन मौके पर दोनों खराब मिले। उधर, किसी कमरे में खिड़कियां ठीक नहीं हैं। हर खिड़की का कांच टूटा पड़ा है, जिससे प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण के दौरान सीधी हवाओं का सामना करना पड़ता है। जबकि सुविधाओं के लिए प्रशिक्षुओं से डायट शुल्क भी वसूलता है। डायट प्राचार्य के निजी प्रयासों से प्रशिक्षुओं के बैठने के लिए कुछ कुर्सियों का इंतजाम तो कर दिया गया है, लेकिन 50 के बैठने के स्थान पर 100 छात्र अब भी बैठने पर मजबूर हैं। शासन से इसका संज्ञान न लिए जाने के कारण प्रशिक्षुओं को असुविधा झेलनी पड़ रही है। वर्जन ..
प्रांगण में विकास और निर्माण के कुछ कार्यों के लिए एससीइआरटी के निदेशक की स्वीकृति के लिए लगभग साढ़े पांच लाख रुपये का स्टीमेट तैयार कर भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद सुधार का प्रयास किया जाएगा। तब तक निजी प्रयासों से जो संभव है उसे दुरुस्त किया जा रहा है ताकि प्रशिक्षुओं को ज्यादा असुविधा न हो।
- एसपी यादव, डायट प्राचार्य, डायट, मऊ।