जिला कारागार मऊ ने लिखी इबारत, अगरबत्ती संयंत्र शुरू
जिला कारागार में शुक्रवार को प्रात 10 बजे से कैदियों की सुधार तथा कौशल कला से प्रशिक्षित किए जाने को लेकर स्वरोजगार प्रशिक्षिण कौशल विकास उद्यमिता विकास एवं लघु उद्योग स्थापना के प्रथम चरण का कार्यवृत्त तथा भविष्य की कार्ययोजना के संदर्भ में विस्तार से चर्चा हुई। आरसेटी द्वारा अगरबत्ती निर्माण में प्रशिक्षण दिए जाने के दौरान सराहनीय भूमिका निभाने वाले कैदियों को जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी व पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य एवं जेल अधीकक द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
जागरण संवाददाता, पलिगढ़ (मऊ) : जिला कारागार मऊ ने कौशल विकास एवं स्वरोजागार की दिशा में एक अहम कदम रखा। बुधवार को जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने कारागार में अगरबत्ती निर्माण इकाई का उद्घाटन किया। आरसेटी द्वारा अगरबत्ती निर्माण में प्रशिक्षण दिए जाने के दौरान सराहनीय भूमिका निभाने वाले कैदियों को जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी व पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य एवं जेल अधीक्षक ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इसके पश्चात स्वरोजगार प्रशिक्षिण कौशल विकास, उद्यमिता विकास एवं लघु उद्योग स्थापना के प्रथम चरण का कार्यवृत्त तथा भविष्य की कार्ययोजना के संदर्भ में विस्तार से चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने 74 कैदियों को बताया कि अब इसे जेल की जगह सुधार गृह कहना अनुचित नहीं होगा। क्योंकि यहां कौशल विकास के अंतर्गत तरह-तरह की तकनीकी द्वारा प्रशिक्षित कैदी बाहर निकलकर स्वयं के साथ दूसरों को भी रोजगार देंगे तथा प्रशिक्षित करेंगे। इससे वे समाज में सम्मानित जीवन बसर करेंगे। उन्होंने कहा कि हम सभी ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं और ग्रामीण जीवन से भली-भांति परिचित हैं। जीवन में कई बार उतार-चढ़ाव का समय आता है। जिससे भटकने की जगह उन चुनौतियों से लड़कर अपनी अनोखी पहचान बनाना चाहिए। ऐसा करने से परिवार भी विचलित व टूटने से बच जाता है। अगरबत्ती निर्माण के संदर्भ में बताया कि कन्हैया कारागार अगरबत्ती अच्छे पैकेजिग में गुणवत्ता युक्त बाजार में उपलब्ध होगा। इसका पारिश्रमिक कैदी के खाते में जाएगा। अगरबत्ती निर्माण के अलावा और कई तरह के लघु औद्योगिक इकाई की भी स्थापना होगी।
पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि सरकार की सोच के अनुसार जिन संयंत्रों की स्थापना होगी और जो उत्पाद निकलेगा। उसे देख व सुनकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसके परिणाम दूरगामी होंगे। इसके कारण बाहर निकलने के बाद लोग कैदियों को सम्मान की ²ष्टि से देखेंगे। जेल अधीक्षक अविनाश गौतम ने प्रशिक्षित करने वाले आरसेटी टीम की प्रशंसा करते हुए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया। आरसेटी के निदेशक सुनील कुमार रंजन ने कहा कि हम लोगों का सौभाग्य है कि जिलाधिकारी ने इस योग्य हम लोगों को सेवा के लिए समझा तथा इस हेतु अवसर दिया। जेलर लाल रत्नाकर ने बताया कि इस कारागार का सौभाग्य है कि पूरे पूर्वांचल में इसे इस कार्य हेतु चुना गया। संचालन रामनवल प्रजापति ने किया।
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सम्मान पाकर छलके आंसू
जिला कारागार में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक द्वारा कैदियों का सम्मान बढ़ाया गया। बृजेश सिंह सहयोग एवं प्रशिक्षण के लिए, राकेश मौर्य सर्वाधिक उपस्थिति के लिए, अर्जुन सिंह अनुशासन के लिए, आस मुहम्मद कुशल कारीगरी हेतु, तेजप्रताप सिंह सर्वोच्च परीक्षा में प्रथम स्थान पाने वाले ऐसे कैदियों को सम्मानित किया गया। सम्मान पाकर कैदियों के आंखों में आंसू छलक आए।