मैटेरियल मद में लाखों खर्च फिर भी बदहाल है चकमार्ग
ब्लाक अंतर्गत काझा ग्रामसभा के सोंगर मौजा से ब्राह्मणपूरा अकबरपुर मिर्जापुर व काझा ग्रामसभा को जोड़ने वाला चकमार्ग बद से बदतर हो चुका है। चकमार्ग पर ऐसे लग रहा है कि धान की रोपाई के लिए पलेवा किया गया हो।
जागरण संवाददाता, रानीपुर (मऊ) : ब्लाक अंतर्गत काझा ग्रामसभा के सोंगर मौजा से ब्राह्मणपुरा, अकबरपुर, मिर्जापुर व काझा ग्रामसभा को जोड़ने वाला चकमार्ग बद से बदतर हो चुका है। चकमार्ग पर ऐसे लग रहा है कि धान की रोपाई के लिए पलेवा किया गया हो।
ग्राम सभाओं में विकास के नाम पर प्रतिवर्ष आने वाले धन के कमीशन खोरी की भेंट चढ़ जाने का खामियाजा आमजन भुगत रहा है। कागजों पर तो प्रतिवर्ष लाखों रुपये का काम कर दिया जाता है परंतु जन सुविधाओं के नाम पर टोटा है। ऐसा ही हाल ग्रामसभा काझा के सोंगर मौजा से ब्राह्मणपूरा गांव को जोड़ने वाला चकमार्ग कुछ दूर अकबरपुर, मिर्जापुर गांव की सीमा का है। इस चकमार्ग पर कुछ दूर ब्राह्मणपूरा, मिर्जापुर व काझा ग्राम सभा की पड़ती है। तीनों ग्रामसभा के प्रधानों की उपेक्षा के चलते आज तक चकमार्ग शिकार है। लगभग एक किलोमीटर दूरी के चकमार्ग 20 कड़ी का है परंतु किसी ग्राम पंचायत ने कभी इस चकमार्ग पर खड़ंजा लगाने तक की पहल तक नहीं की। मिर्जापुर के पूर्व प्रधान जितेंद्र सिंह ने मिट्टी कार्य कराया था। आलम यह है कि चकमार्ग पर दबंगों द्वारा अतिक्रमण कर लिए जाने से 20 कड़ी का चकमार्ग सिमट कर रह गया है। क्षेत्र के दिवाकर दूबे, बसंत, दिनेश दूबे, ओंकार, अग्निभूषण, विजय बिहारी आदि ने चेतावनी दिया कि अगर जल्द चकमार्ग पर खडंजा आदि नहीं लगाया गया तो क्षेत्रीय जन ब्लाक मुख्यालय का घेराव करने को विवश होंगे। इस संबंध में पूछे जाने पर रानीपुर के बीडीओ देवकुमार चर्तुवेदी ने कहा की तीनों ग्राम पंचायतों के सचिवों को निर्देशित किया जा रहा है कि वे चकमार्ग की जांच कर इसका स्टीमेट बनाकर दें। बरसात खत्म होते ही इस पर कार्य शुरू कराया जा सके।