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अनुदानित डिग्री कालेजों से छात्रों का मोहभंग

जागरण संवाददाता, मऊ : जिले के जिन अनुदानित डिग्री व पीजी कालेजों में एक दशक पहले प्रवेश के

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Jul 2018 10:48 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jul 2018 10:48 PM (IST)
अनुदानित डिग्री कालेजों से छात्रों का मोहभंग
अनुदानित डिग्री कालेजों से छात्रों का मोहभंग

जागरण संवाददाता, मऊ : जिले के जिन अनुदानित डिग्री व पीजी कालेजों में एक दशक पहले प्रवेश के लिए कभी मंत्रियों व विधायकों की सिफारिशें लगा करती थीं, आज उन्हीं में से कुछ में प्रवेश का आंकड़ा तीन अंकों तक भी नहीं पहुंच पाया है। सर्वाधिक छात्र संख्या वाले शहर के डीसीएसके पीजी कालेज को छोड़ दें तो जिले के किसी भी अनुदानित डिग्री कालेज में प्रवेश का आंकड़ा 200 के पार नहीं पहुंच पाया है। एकमात्र डीसीएसके पीजी कालेज ही ऐसा कालेज था जहां सीटों के मुकाबले लगभग दोगुना छात्रों ने स्नातक व स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिए आवेदन किया था। इससे जहां जिले के शिक्षाविद हैरान हैं, वहीं अनुदानित डिग्री कालेजों के भविष्य पर भी संकट मंडराने लगा है।

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कई दशक से घोसी का सर्वोदय पीजी कालेज जिले के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का केंद्र बना हुआ था। कालेज में स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए 600 से अधिक सीटें हैं लेकिन वर्ष 2018 में प्रवेश की स्थिति दयनीय है। प्राचार्य डा. करुणानिधान उपाध्याय ने बताया कि मुश्किल से 80 छात्रों ने अब तक प्रवेश लिया है। कहा कि छात्रों को प्रवेश लेने के लिए आवेदन लेते समय ही प्रवेश की प्रक्रिया पूरी करा दी जा रही है। रतनपुरा भुरसुड़ी के मर्यादा पुरुषोत्तम पीजी कालेज का भी कमोबेश यही हाल है। यहां भी छात्रों के प्रवेश का आंकड़ा 200 का अंक नहीं पार कर पाया है। कालेज प्रशासन का कहना है कि 165 फार्म बिके हैं। लगभग 102 छात्रों ने प्रवेश भी ले लिया है। सबसे ज्यादा दयनीय स्थिति जनता पीजी कालेज रानीपुर की है। यहां अब तक 70 फार्म बिके हैं, जिसमें से 34 छात्रों ने प्रवेश लिया है। क्यों हुआ मोहभंग

सर्वोदय पीजी कालेज के प्राचार्य डा. केएन उपाध्याय ने बताया कि कड़े अनुशासन और नकलविहीन परीक्षा के चलते छात्र अनुदानित डिग्री कालेजों से कतराने लगे हैं। जिले के सभी अनुदानित डिग्री कालेजों में नकल का कोई इतिहास नहीं रहा है। डीसीएसके पीजी कालेज के प्राचार्य डा. एके मिश्र ने कहा कि उनके कालेज में उपलब्ध सभी सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जा रही है, लेकिन यह सच है कि अन्य अनुदानित डिग्री कालेजों की हालत प्रवेश के मामले में दयनीय है। 04 अनुदानित डिग्री कालेज

02 राजकीय डिग्री कालेज

146 निजी डिग्री कालेज


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