दर्जनों वाहन चालकों की आंख में मिली खराबी
जनपद के स्कूल वाहन चालकों का नेत्र परीक्षण बुधवार को किया गया। परिवहन विभाग के नेतृत्व में चालकों का नेत्र परीक्षण व विद्यालयों के प्रबंधक व प्रधानाचार्यों की जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई। इस दौरान नेत्र चिकित्सकों द्वारा किए गए परीक्षण में लगभग 150 चालकों के आंखों की जांच की गई। इसमें दर्जनों चालकों की आंख में खराबी पाई गई। इस पर चालकों को आंख में व्याप्त रोगों की दवा कराने तथा चश्मा लेने के निर्देश दिए गए। साथ ही प्रबंधक व प्रधानाचार्यों को भी कड़ी हिदायत दी गई।
जागरण संवाददाता, मऊ : जनपद के स्कूल वाहन चालकों का नेत्र परीक्षण बुधवार को किया गया। परिवहन विभाग के नेतृत्व में चालकों का नेत्र परीक्षण व विद्यालयों के प्रबंधक व प्रधानाचार्यों की जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई। इस दौरान नेत्र चिकित्सकों द्वारा किए गए परीक्षण में लगभग 150 चालकों के आंखों की जांच की गई। इसमें दर्जनों चालकों की आंखों में खराबी पाई गई। इस पर चालकों को आंख में व्याप्त रोगों की दवा कराने तथा चश्मा लेने के निर्देश दिए गए। साथ ही प्रबंधक व प्रधानाचार्यों को भी कड़ी हिदायत दी गई।
सदर तहसील सभागार में आयोजित जागरुकता कार्यशाला में आइएएस उपजिलाधिकारी सदर डा. अंकुर लाठर ने कहा कि स्कूली वाहन चालकों की गलतियों के चलते अक्सर घटनाएं होती रहती हैं। ऐसे में चालकों के साथ प्रबंधक व प्रधानाचार्यों की भी जिम्मेदारी तय होती है। एक छोटी सी गलती नौनिहालों की जान पर पड़ जाती है। एआरटीओ प्रशासन अवधेश कुमार ने कहा कि प्रबंधकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने वाहन को सही कराए रहें। उन्होंने कहा कि सभी वाहनों में गति नियंत्रक यानि स्पीड गवर्नर लगा लें। स्कूली वाहन चालकों हिदायत दी कि शराब पीकर कतई वाहन न चलाएं, इससे बड़ी घटना घटित हो सकती है। यदि कोई चालक शराब के नशे में तथा कान में ईअर फोन लगाए पकड़ा गया तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सलाह दी कि ऐसे वाहनों में फर्स्ट एड बाक्स जरूर रखें साथ ही बसों में जाली अवश्य लगाएं। इस अवसर पर टीएसआइ श्रीप्रकाश शुक्ल, दयानिधि उपाध्याय आदि उपस्थित थे।