प्रभु राम से मिलते ही भक्त हनुमान हुए भाव विह्वल
दोहरीघाट (मऊ) नगर में रामलीला समिति दोहरीघाट ने सीता की खोज में भटक रहे प्रभु श्रीर
दोहरीघाट (मऊ) : नगर में रामलीला समिति दोहरीघाट ने सीता की खोज में भटक रहे प्रभु श्रीराम से भक्त शिरोमणि हनुमान जी के मिलन के ²श्य को प्रस्तुत किया। हनुमान जी भगवान राम से मिलते ही भाव विभोर हो जाते हैं। सीता माता की खोज के लिए वह सुग्रीव की मदद लेते हैं। लीला में मुख्य अतिथि जिला प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजीव नयन, विशिष्ट अतिथि पूर्व अध्यक्ष दिल्ली यूनिवर्सिटी व वर्तमान भाजपा युवा मोर्चा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शक्ति सिंह, प्रदेश महामंत्री पिछड़ा मोर्चा भाजपा विनोद यादव, संस्थापक मुक्तिधाम दोहरीघाट गुलाबचंद गुप्त व व्यवस्थापक रामलीला समिति दोहरीघाट ने रामलीला का उद्घाटन किया। रामलीला समिति के अध्यक्ष विनोद वर्मा, व्यापार मंडल अध्यक्ष विनय जायसवाल, शिवम सेठ, विकास मध्येशिया, रामप्रसाद सोनकर आदि उपस्थित थे।
कोइरियापार (मऊ) : देवर्षि देवल रामलीला समिति देवलास के तत्वाधान में चल रहे रामलीला के तीसरे दिन गुरुवार को असुरों के आतंक से त्रस्त ऋषि विश्वामित्र राजा दशरथ के दो पुत्र राम और लक्ष्मण को मांग लाते हैं। श्रीराम मार्ग में ताड़का नामक राक्षसी का संहार कर अहिल्या का उद्धार करते हैं। इस प्रकार विश्वामित्र उन्हें लेकर जनकपुर जाते हैं जहां पर राजा जनक की पुत्री सीता का स्वयंबर होता है देश देश के राजा वहां उपस्थित होते हैं। राजा की प्रतिज्ञा अनुसार जो शिव धनुष की प्रत्यंचा खींचेगा उसी से सीता का विवाह होगा। समस्त राजाओं के विफल होने पर श्रीराम ने धनुष को उठाकर प्रत्यंचा खींची। इसके बाद सीता और राम का विवाह संपन्न होता है। उधर, शिव धनुष टूटने की सूचना पाकर भगवान परशुराम का आगमन जनक दरबार में होता है।