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सत्र समाप्ति के समय अवकाश प्राप्त शिक्षकों की तैनाती

शिक्षा सत्र 2019-20 एक अप्रैल को प्रारंभ हो गया। जिले के विद्यालयों में मानक के सापेक्ष विषयक अध्यापकों की कमी के कारण पठन-पाठन सही ढंग से नहीं चल पाया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 08:22 PM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 06:08 AM (IST)
सत्र समाप्ति के समय अवकाश प्राप्त शिक्षकों की तैनाती
सत्र समाप्ति के समय अवकाश प्राप्त शिक्षकों की तैनाती

जागरण संवाददाता, थानीदास (मऊ) : शिक्षा सत्र 2019-20 एक अप्रैल को प्रारंभ हो गया। जिले के विद्यालयों में मानक के सापेक्ष विषयक अध्यापकों की कमी के कारण पठन-पाठन सही ढंग से नहीं चल पाया। नवंबर के अंतिम सप्ताह में सत्र समापन के समय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा अनुभाग लखनऊ व संयुक्त शिक्षा निदेशक के आदेश पर जिले में बीते 26 नवंबर को 77 अवकाश प्राप्त अध्यापकों की नियुक्ति कर दी गई। अवकाश प्राप्त शिक्षकों की नियुक्ति 31 मार्च 2020 तक के लिए हुई हैं। इस अवधि में अधिकांश दिन बोर्ड प्रयोगात्मक परीक्षा, वार्षिक परीक्षा व बोर्ड परीक्षा ही चलती हैं। शिक्षा से जुड़े लोगों का कहना है कि लगता है विभाग पढ़ाने के लिए नहीं परीक्षा कराने के लिए नियुक्त कर रहा है।

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विभाग का मानना है कि माध्यमिक विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए शासन ने एक बार फिर सेवानिवृत्त शिक्षकों पर दांव लगाया है। राजकीय विद्यालयों में 17 तथा सहायता प्राप्त विद्यालयों में 60 शिक्षकों की तैनाती की गई है। शिक्षकों की तैनाती होने से विद्यार्थियों को राहत मिलेगी। जिले में कुल 16 राजकीय व 67 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय हैं। विद्यालयों में मानक के मुताबिक शिक्षकों की तैनाती न होने से विद्यार्थियों के शिक्षण कार्य में विभिन्न प्रकार की समस्याएं आती हैं। विद्यार्थियों की परेशानियों को दूर करने के उद्देश्य से शासन ने पिछले वर्ष की तरह सेवानिवृत्त शिक्षकों से मानदेय के आधार पर काम कराने का निर्देश दिया। इसके क्रम में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कुल 77 शिक्षकों को तैनात किया है। वर्जन--

सरकार की मंशा है कि यह शिक्षक विद्यालयों पर पहुंचकर छात्र-छात्राओं को बेहतर ज्ञान उपलब्ध कराएंगे। इससे जहां उनका कोर्स अधूरा नहीं रहेगा, वहीं बेहतर ढंग से उनके परीक्षा की तैयारी भी हो पाएगी। सभी शिक्षक समय से विद्यालयों पर पहुंचकर बेहतर ढंग से अपने दायित्वों का निर्वहन करना सुनिश्चित करें।

-राजेंद्र कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक, मऊ।


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