बेमौसम धुंध और प्रदूषण फैला रही नगर पालिका
किसानों के पराली जलाने पर भले ही दंड का प्राविधान कर दिया गया हो, लेकिन नगर पालिका पर ऐसे किसी कानून का कोई असर नहीं है। पूरे देश में जहां प्रदूषण रोकने को लेकर हायतौबा मची हुई है, वहीं नगर पालिका प्रशासन प्रदूषण फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, मऊ : किसानों के पराली जलाने पर भले ही दंड का प्रावधान कर दिया गया हो, लेकिन नगर पालिका पर ऐसे किसी कानून का कोई असर नहीं है। पूरे देश में जहां प्रदूषण रोकने को लेकर हायतौबा मची हुई है, वहीं नगर पालिका प्रशासन प्रदूषण फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। शहर के ढेकुलियाघाट पुल से होकर बनी नई सड़क के किनारे नगर पालिका के सफाई कर्मी पहले शहर का कचरा गिरा रहे हैं, फिर उसमें आग लगाकर उठने वाले धुएं का तमाशा देख रहे हैं। भयंकर धुएं के बीच जहां राहगीरों को रास्ता नहीं सूझ रहा है, वहीं सांस लेने में भी कठिनाई हो रही है।
स्कूल व कार्यालय खुलने के समय पर नई सड़क से होकर हजारों लोग गुजरते हैं। दिन के समय ही ढेकुलियाघाट पुल के पास ऐसी धुंध रहती है कि सामने से आने वाले वाहन भी ठीक से दिखाई नहीं देते हैं। शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब यह नजारा न देखने को मिले। कचरे में आग लगाकर फैलाई जा रही इस कृत्रिम धुंध से बड़ी बात नहीं कि किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो जाए और किसी को जान-माल से हाथ धोना पड़े। कभी-कभी तो धुंध इतनी ज्यादा रहती है कि लोग ठीक से सड़क पर सांस भी नहीं ले पाते हैं। जिला अस्पताल को निकले सांस के मरीज तो ऐसा लगता है जैसे ढेकुलियाघाट पुल पर धुंध के बीच ही दम तोड़ देंगे। समाजसेवी छोटेलाल गांधी ने नई सड़क के किनारे डाले गए कचरे की आग को तत्काल बुझाए जाने की पालिका प्रशासन से मांग की है तो किसान नेता राकेश ¨सह ने कहा है कि प्रदूषण फैलाने के आरोप में नगर पालिका के जिम्मेदारों के विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।