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बेसहारा पशुओं के संरक्षण पर 1.29 करोड़ खर्च

मऊ बेसहारा पशुओं पर संरक्षण पर सरकार पूरी तरह से मेहरबान है और पानी की तरह धन बहाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 05:03 PM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 05:03 PM (IST)
बेसहारा पशुओं के संरक्षण पर 1.29 करोड़ खर्च
बेसहारा पशुओं के संरक्षण पर 1.29 करोड़ खर्च

जागरण संवाददाता, मऊ : बेसहारा पशुओं पर संरक्षण पर सरकार पूरी तरह से मेहरबान है और पानी की तरह धन बहाया जा रहा है। अब तक जनपद में पशुओं के संरक्षण के लिए कुल 1.29 करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका है। गोशाला में पशुओं के संरक्षण के लिए अब धनराशि कम हो गई हैं। ऐसे में शासन से 50 लाख रुपये की डिमांड की गई है। धनराशि आते ही सभी गोशाला पर धनराशि आवंटित कर पशुओं का संरक्षण किया जाएगा। गोशाला में पशुओं को पूरी तरह संरक्षित किया जा रहा है।

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जनपद में कुल 23 गोशाला हैं। इसमें ग्रामीण क्षेत्र में 14 व नगर क्षेत्र में नौ गोशालाएं शामिल हैं। इसमें परदहां ब्लाक के रणवीरपुर में 338, कोपागंज के लेरो बेरूआर 45, रईसा में 34, एकौना 85, घोसी के मझवारा में 36, दोहरीघाट के दरगाह 83, पाउस 96, बझडरांव के चंद्रपार में 76, मुहम्मदाबाद गोहना के सरयां में 80, फतेहपुर मंडाव के कुतुबपुर धनेवा में 40, केशवपुर सुल्तानपुर में 45, सौधी 45, रतनपुरा के अइलख में 180, रानीपुर के मिर्जापुर गोशाला में 145 पशु हैं। इसके अलावा नगर पालिका मऊ में 64, नगर पंचायत अदरी में 12, अमिला में 07, घोसी में 21, दोहरीघाट में 22, मुहम्मदाबाद गोहना में 10, वलीदपुर में 22, मधुबन में 20 व चिरैयाकोट गोशाला में 10 पशु रखे गए हैं। इन सभी गोशाला में कुल 1516 बेसहारा पशु रखे गए हैं। अब तक गोवंश सुपुर्दगी के लिए 66 आवेदन किए गए हैं। कुल 141 गोवंश सुपुर्दगी के लिए चिह्नित किए गए हैं। इसमें से 1030 गोवंश का बधियाकरण भी किया गया है। दो गोवंश कृत्रिम गर्भाधान के रूप में है। गोवंश आश्रय स्थलों को स्वावलंबी बनाने के लिए कुल 84 गोबर गैस प्लांट स्थापित किए गए हैं।

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कोई भी व्यक्ति पशु संरक्षण कर सकता है। इसके लिए उसे 30 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से सरकार की तरफ से धनराशि प्रदान की जा रही है। इससे पशुओं का जहां संरक्षण होगा वहीं दूध से आय भी बढ़ेगी।

आरपी सिह, प्रभारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।


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