पूर्वाचल में सारंगी बजाकर भिक्षाटन करने वालों योगियों पर संकट
कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे देश में लाकडाउन घोषित किया गया है। ऐसे में प्रशासन हर जरूरतमंद को राहत सामग्री पहुंचाने में लगा हुआ है लेकिन पूर्वांचल में सारंगी बजाकर भिक्षाटन करने वालों पर संकट खड़ा हो गया है। योगियों का यह गांव जनपद के मोहम्मदाबाद गोहना विकास खंड के माहपुर में है जहां सारंगी बजाकर योगी अपना जीवन यापन करते हैं। अब कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद लाक डाउन में रह रहे योगियों की हालत बेहद ही दयनीय है। इन्हें जिला पूर्ति विभाग की तरफ से खाद्यान्न भले ही मिल जा रहा है लेकिन अन्य चीजें मिलना मुश्किल है। इनके पास इतना धन नहीं है कि वह आवश्यक वस्तुएं खरीद सकें। लाक डाउन आगे बढ़ता रहा तो इनके समक्ष भुमखरी की नौबत आ सकती है।
जयप्रकाश निषाद, मऊ
---------------
कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे देश में लाकडाउन घोषित किया गया है। ऐसे में प्रशासन हर जरूरतमंद को राहत सामग्री पहुंचाने में लगा हुआ है लेकिन पूर्वांचल में सारंगी बजाकर भिक्षाटन करने वालों पर संकट खड़ा हो गया है। योगियों का यह गांव जनपद के मुहम्मदाबाद गोहना विकास खंड के माहपुर में है, जहां सारंगी बजाकर योगी अपना जीवनयापन करते हैं। अब कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद लॉकडाउन में रह रहे योगियों की हालत बेहद ही दयनीय है। इन्हें जिला पूर्ति विभाग की तरफ से खाद्यान्न भले ही मिल जा रहा है, लेकिन अन्य चीजें मिलना मुश्किल है। इनके पास इतना धन नहीं है कि वह आवश्यक वस्तुएं खरीद सकें। लॉकडाउन आगे बढ़ता रहा तो इनके समक्ष भूखमरी की नौबत आ सकती है। वैसे जिला पूर्ति अधिकारी के निर्देश पर पूर्ति निरीक्षक आनंद यादव के नेतृत्व वाली टीम शनिवार को गांव में पहुंची और कोटेदार को हर परिवार को 35 किग्रा खाद्यान्न वितरित करने का निर्देश दिया। यह भी कहा कि किसी भी योगी के यहां चूल्हा न जल रहा हो तो कोटेदार खुद वहां चूल्हा जलवाएं। किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मुहम्मदाबाद गोहना के माहपुर गांव में योगियों का करीब 50 घरों का परिवार है। यहां के योगियों का सदियों से सारंगी बजाकर भीख मांगने की परंपरा रही है। तभी से यह सारंगी बजाकर पूर्वांचल के गाजीपुर, मऊ, बलिया, आजमगढ़, गाजीपुर, वाराणसी में सारंगी बजाकर भीख मांगते हैं। भीख मांगने से ही इनके परिवार की रोजी-रोटी चलती है। योगियों के गांव का निरीक्षण कर चुके हैं। सभी के पास अंत्योदय कार्ड हैं। इन्हें हर माह खाद्यान्न मिलता है। इन्हें खाद्यान्न की जितनी भी जरूरत पड़ेगी दिया जाएगा। किसी के यहां दिक्कत होगी कोटेदार खाद्यान्न उपलब्ध कराएगा।
-आनंद यादव, पूर्ति निरीक्षक मोहम्मदबाद गोहना।
-----------------------
सभी योगियों का अंत्योदय कार्ड हैं। इनकी परंपरा भीख मांगने की रही है सो यह लोग भीख मांगते हैं। खाद्यान्न का उठान हो गया है। इन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।
-नदीम, कोटेदार माहपुर।
-----------------------
किसी भी व्यक्ति को भूख से मरने नहीं दिया जाएगा। लाक डाउन के दौरान हर सामग्री उनके तक पहुंचाई जाएगी। योगियों की हरसंभव मदद की जाएगी।
-ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी, जिलाधिकारी मऊ।
---------------------- योगियों की कहानी उन्हीं की जुबानी
10 साल से सारंगी बजाकर लोगों से भीख मागते हैं। उसी से जो मिलता है शाम को चूल्हा जलता है। इसके अलावा और कोई कमाई का साधन नहीं है। कोरोना की वजह से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
-हैदर अली, योगी
------------
पहले वह भी सारंगी बजाते थे, लेकिन अब वह साइकिल पर बिसाता का सामान बेचते हैं। उसी कमाई से परिवार को पेट पालता हूं और कोई सुविधा नहीं है। कोरोना की वजह से संकट है।
-मो. जावेद, योगी
-----------------
कोरोना के बाद जनपद लॉकडाउन हो गया है। वह लोग घर से नहीं निकल रहे हैं। ऐसे में भीख मांगना बंद है। कोटेदार के यहां से खाद्यान्न मिल जाता है, लेकिन और पूर्ति नहीं हो पा रही है।
-शमशाद, योगी
-----
कोरोना के लॉकडाउन से उनके परिवार के समक्ष संकट उत्पन्न हो गया है। अब सारंगी नहीं बजा पा रहे हैं। इससे जो भीख मिलती थी उसे से परिवार की आजीविका चलती थी और कोई साधन नहीं है।
-हसन मोहम्मद, योगी।