कटान की जद में आया श्मशानघाट व खाकी बाबा की कुटी
दोहरीघाट (मऊ) कई दिनों तक तेजी से बढ़ रहे घाघरा का जलस्तर अचानक कम होने लगा है। इसकी वजह से तटवर्ती इलाकों में कटान की संभावना बढ़ती जा रही है। बहादुरपुर के नीचे नदी 20 मीटर लंबा और दो मीटर चौड़ा कटान कर चुकी है। इससे वन विभाग द्वारा लगाए गए पेड़ों पर खतरा मंडरा रहा है। गौरी शंकर घाट पर जलस्तर 69.35 मीटर पर आ गया है। औराड़ाड़ में 70.30 मीटर पर नदी आकर रूक गई है। हालांकि घाघरा का घाघरा उफान तेज है जिसे तटवर्ती इलाकों में खतरा बढ़ता जा रहा है।
जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : कई दिनों तक तेजी से बढ़ रहे घाघरा का जलस्तर अचानक कम होने लगा है। इसकी वजह से तटवर्ती इलाकों में कटान की संभावना बढ़ती जा रही है। बहादुरपुर के नीचे नदी 20 मीटर लंबा और दो मीटर चौड़ा कटान कर चुकी है। इससे वन विभाग द्वारा लगाए गए पेड़ों पर खतरा मंडरा रहा है। गौरी शंकर घाट पर जलस्तर 69.35 मीटर पर आ गया है। औराड़ाड़ में 70.30 मीटर पर नदी आकर रूक गई है। हालांकि घाघरा का घाघरा उफान तेज है जिसे तटवर्ती इलाकों में खतरा बढ़ता जा रहा है।
श्मशान घाट, खाकी बाबा कुटी, नवली और डीह स्थान पर कटान की संभावना बढ़ गई है। नदी की तेज धारा खाकी बाबा की कुटी से टकरा रही है। कभी भी कटान हो सकता है। सिचाई विभाग द्वारा जो बोल्डर नदी तल में डाला गया है उससे कटान पर लगाम लगा हुआ है लेकिन उफान तेज है। जानकी घाट के नीचे नदी कटान कर सकती है। जानकी घाट की सीढि़यां कटान के चलते क्षतिग्रस्त हो गई हैं। घाटों के घाट दोहरीघाट में एक भी घाट स्नान योग्य नहीं रह गया है। इससे श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। विभाग लाखों करोड़ों रुपया खर्च कर एक भी इंच भी जमीन घाघरा के कटान से बचा नहीं पाई है। घाघरा के उफान से किसानों में बेचैनी है। धान की फसल जो भी है वह सड़ रही है। गन्ने की फसल कुछ दिखाई दे रही है। घागरा तटवर्ती इलाकों को तबाह करने पर तुली हुई है।