नरगिस बनी कोरोना जागरूकता की ब्रांड अंबेसडर
क्षेत्र के मर्यादपुर की 16 वर्षीया किशोरी नरगिस ने कोरोना को जीत लिया है। पूर्व में संक्रमित निकली यह किशोरी अब स्वस्थ हो गई है।
जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : क्षेत्र के मर्यादपुर की 16 वर्षीया किशोरी नरगिस ने कोरोना को जीत लिया है। जिलाधिकारी ने उसके हौसले उसकी हिम्मत और उसके द्वारा लोगों को दी गई प्रेरणा की तारीफ करते हुए कोरोना संकट से लोगों को उबारने के लिए उसे जिले का ब्रांड अंबेसडर नियुक्त किया है। पूर्व में संक्रमित निकली यह किशोरी अब स्वस्थ हो गई है। उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद वह स्वस्थ होकर घर पहुंची। शुक्रवार को सीएचसी फतहपुर मंडाव पर उसे बुलाकर डीएम ज्ञानचंद त्रिपाठी व सीएमओ सतीश चंद सिंह ने कोरोना विजेता के रूप में पुष्प वर्षा कर उसका स्वागत किया और हौसला अफजाई की। जिलाधिकारी ज्ञानचंद त्रिपाठी ने उससे कोविड-19 को लेकर गांव में जागरूकता फैलाने का आह्वान किया।
जिलाधिकारी श्री त्रिपाठी ने बताया कि नरगिस के पिता का मुंबई में होटल व्यवसाय था। लॉकडाउन में सब बंद हो जाने से वे लोग पूरे परिवार सहित बीते 13 मई को अपने परिजनों के साथ मुंबई से घर पहुंचे। जांच के लिए किशोरी का सैंपल लिया गया था। उसकी रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद मौके पर पहुंचकर आला अधिकारियों ने 17 मई को आइसोलेशन वार्ड में भेजा और गांव को सील कर दिया गया। एक सप्ताह बाद किशोरी के पिता की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ गई। इसके बाद उक्त गांव के अलावा देवारा क्षेत्र में भी कोरोना संक्रमित मिलने लगे। इसे लेकर लोगों में दहशत फैलने लगी। उक्त किशोरी की रिपोर्ट पॉजीटिव आने से लोगों में सकारात्मक बदलाव होगा। एल-1 अस्पताल में आइसोलेशन के दौरान भी नरगिस के चेहरे पर एक बार भी खौफ नहीं दिखा। उसने पूरी हिम्मत के साथ इस महामारी के आक्रमण का सामना किया। खुद अधिकारियों से कहती रही, 'सर! आप लोग परेशान न हों, मैं ठीक हूं।' नरगिस ने खुद को तो संभाला ही, अस्पताल में भर्ती कोरोना के अन्य मरीजों को भी हिम्मत और दिलासा दिलाती रही। इसकी दिलेरी लोगों को जागरूक करने के काम आएगी। इस मौके पर बीएसए ओपी त्रिपाठी, एसडीएम लालबाबू दूबे, चिकित्सा अधीक्षक राजीव कुमार पांडेय, बीईओ फतहपुर मंडाव, एसओ संजीव द्विवेदी, डा.अखिलेश यादव आदि मौजूद थे।