सहकारिता को मिले बोरे, बढ़ेगी धान खरीद की रफ्तार
बोरे और पैसे की किल्लत से जूझ रहे सहकारिता विभाग के धान क्रय केंद्रों पर अब खरीद की रफ्तार बढ़ेगी। शासन से विभाग को एक सौ गांठ बोरे प्राप्त हुए हैं।
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : बोरे और पैसे की किल्लत से जूझ रहे सहकारिता विभाग के धान क्रय केंद्रों पर अब खरीद की रफ्तार बढ़ेगी। शासन से विभाग को एक सौ गांठ बोरे प्राप्त हुए हैं। दरअसल इस वर्ष जिले में 71 हजार एमटी धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है। सहकारिता विभाग को 23 हजार एमटी धान खरीद का लक्ष्य दिया गया है।
रबी हेतु उर्वरक एवं बीज की बिक्री की व्यस्तता से फारिग सहकारिता विभाग ने धान की खरीद प्रारंभ किया ही था कि सिर मुड़ाते ओले पड़ने लगने। बोरे की किल्लत, पैसे की कमी और परिवहन का ऐसा पेंच फंसा कि विभाग अभी तक मात्र 4927.79 एमटी ही धान क्रय कर सका है जबकि विभाग के तहत सर्वाधिक 28 क्रय केंद्र संचालित हैं। समस्या यह कि प्रारंभ में मिले बोरों में धान भरकर मिलर को भेजा तो गया पर बाद में बोरों की किल्लत आ गई। इसके पीछे कारण यह कि इस वर्ष बोरों की आपूर्ति का दायित्व राइस मिलर को दे दिया गया। इससे इतर एक अन्य समस्या यह कि क्रय केंद्रों पर खरीदे गए धान को मिलर तक भेजने के लिए ट्रकों की कमी के कारण केंद्रों पर धान डंप पड़ा रहा। उधर क्रय किए गए धान को मिलर के यहां न पहुंचने का खामियाजा किसान को भुगतना पड़ रहा है। कारण यह कि मिलर के यहां धान पहुंचने के बाद भी किसान के खाते में आनलाइन धनराशि प्रेषित की जानी है। बहरहाल अब विभाग को बोरों की एक सौ गांठ के साथ ही 1.80 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है। ऐसे में अब सहकारिता विभाग के सभी 28 धान क्रय केंद्र बोरे एवं धनराशि की समस्या से मुक्त होंगे।
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समस्त क्रय केंद्रों को क्रय किए गए धान की मात्रा के अनुरूप राशि आवंटित कर दी गई है। मांग के अनुसार मंगलवार तक सहकारिता विभाग के हरेक धान क्रय केंद्र पर बोरे भी पहुंच जाएंगे। धान बेचने के इच्छुक हरेक किसान का धान खरीदने का प्रयास होगा। किसान मानक का ध्यान रखें।
-विवेक कुमार कौशल, एआर कोआपरेटिव, मऊ।