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शव के अंतिम संस्कार को लेकर घंटों चला विवाद

मधुबन बाजार में गुरुवार को उस समय तनातनी की स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक 50 वर्षीय मृतक के शव के अंतिम संस्कार को लेकर दो समुदाय के लोग आपस में उलझ गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 06:41 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 06:41 PM (IST)
शव के अंतिम संस्कार को लेकर घंटों चला विवाद
शव के अंतिम संस्कार को लेकर घंटों चला विवाद

जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : स्थानीय मधुबन बाजार में गुरुवार को उस समय तनातनी की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब 50 वर्षीय मृतक के शव के अंतिम संस्कार को लेकर दो समुदाय के लोग आपस में उलझ गए। मुस्लिम पक्ष के लोग मृतक के इस्लाम धर्म कबूल कर लेने का हवाला देते हुए उसे दफनाने की जिद पर अड़े थे वहीं हिदू समुदाय के लोग उसका जन्म हिदू परिवार में होने के नाते अंतिम संस्कार हिदू रीति-रिवाज से करने कि जिद पर अड़े थे। मामला बिगड़ता देख एसडीएम मधुबन लालबाबू दूबे मौके पर पहुंचे और विवाद का निपटारा करवाया। बाद में मृतक को इस्लामिक रीति के अनुसार कब्र में दफन किया गया।

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तहसील क्षेत्र के उफरौली गांव निवासी करमचंद वर्मा ने लगभग दस वर्ष पूर्व एक मुस्लिम महिला से शादी कर ली थी। इसके बाद उन्होंने अपना नाम मुहम्मद असलम रख लिया। इसके बाद उसके परिवार वालों ने उसे घर से निकाल दिया। वह अपनी पत्नी के साथ स्थानीय शहीद स्मारक के पास गोविद चौरसिया के मकान में किराया पर कमरा लेकर पत्नी के साथ रहने लगे। पत्नी से एक लड़का और एक लड़की हुई। उसका नाम उसने फातिमा और अब्दुल करीम रखा। दो साल पूर्व पत्नी कि मौत हो गई। इसके बाद वह वहां अपने दोनों बच्चों के साथ रहते थे। बुधवार की रात असलम की मृत्यु हो गई। आसपास के लोगों ने इसकी सूचना मृतक के भाई धर्मचंद वर्मा को दी मगर उसने रिश्ता तोड़ लेने का हवाला देते हुए शव लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद शव के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद खड़ा हो गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे एसडीएम मधुबन ने दोनों पक्षों को समझाया और कहा कि चूंकि मृतक ने इस्लाम धर्म अपना लिया था, इसलिए उसका अंतिम संस्कार इस्लामिक रीति रिवाज से ही होना चाहिए।

बच्चों को किया गया नगर पंचायत के हवाले

शव के दफनाने के बाद मृतक के दोनों बच्चे 6 वर्षीय फातिमा एवं 4 वर्षीय अब्दुल करीम के पालन पोषण के लिए दोनों पक्षों के लोगों में अपने पास रखने की होड़ मच गई। दोनों पक्षों की तरफ से कई लोग दोनों बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी उठाने को तैयार थे। मगर एसडीएम ने मौके की नजाकत को देखते हुए दोनों बच्चों को अगले निर्णय तक नगर पंचायत मधुबन के अध्यक्ष प्रतिनिधि शंकर मद्धेशिया के हवाले कर दिया।


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