निर्माण सिक्सलेन का पर छोटी सड़कों की निकल रही जान
यूं तो पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को पूर्वांचल के लाइफलाइन की संज्ञा दी गई है। सच्चाई भी है कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण से विकास के नए व चहुंमुखी द्वार खुलेंगे। वर्तमान में एक्सप्रेस-वे की जद में आने वाले किसानों के जमीनों का लगभग अधिग्रहण भी किया जा चुका है और निर्माण भी लगभग 20 फीसदी तक हो चुका है।
जागरण संवाददाता, मऊ : यूं तो पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को पूर्वांचल के लाइफलाइन की संज्ञा दी गई है। सच्चाई भी है कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण से विकास के नए व चहुंमुखी द्वार खुलेंगे। वर्तमान में एक्सप्रेस-वे की जद में आने वाले किसानों के जमीनों का लगभग अधिग्रहण भी किया जा चुका है और निर्माण भी लगभग 20 फीसदी तक हो चुका है। इसके लिए दूर-दूर से मिट्टी-गिट्टी पाटकर ऊंचाई भी प्रदान की जा रही है परंतु इससे कई परेशानियां भी खड़ी हो गई हैं। निर्माण के लिए आए दिन सैकड़ों की तादाद में दौड़ रहे भारी वाहनों से गांवों व जिला मुख्यालय को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
जनपद के मुहम्मदाबाद गोहना व सदर तहसील से होकर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे निकल रहा है। निर्माण के लिए सदर तहसील में पिपरीडीह तो मुहम्मदाबाद गोहना में टंड़वा, भुसुवां व रानीपुर में अलग-अलग प्लांट लगाए गए हैं। आए दिन सैकड़ों की तादाद में सीमेंट, गिट्टी, सरिया आदि सामानों की ढुलाई हो रही है। वहीं पिपरीडीह, सुअराबोझ, इटौरा, मुहम्मदाबाद गोहना आदि जगहों पर ओवरलोड ट्रकों से बड़ी संख्या में गिट्टियां गिराई जा रही है। साथ ही दिन-रात पोकलैंड, जेसीबी व अन्य वाहनों से मिट्टी ढुलाई हो रही है। ऐसे में गाजीपुर, आजमगढ़ जनपद को जोड़ने वाला व जिले के दक्षिण-पश्चिमी भाग की सरसेना-सलाहाबाद, काझा-बढुआगोदाम जिला मार्ग जगह-जगह धंसकर टूट गए हैं। इसके साथ पिपरीडीह रेलवे क्रासिग के बगल से गुजरने वाला पिपरीडीह-सुअराबोझ ग्रामीण मार्ग पूरी तरह से खत्म हो चुका है। इस सड़क पर कहीं भी पिच का नामोनिशान भी नहीं दिखता। वहीं मुहम्मदाबाद गोहना-चिरैयाकोट मार्ग, सुल्तानीपुर-मऊ जिला मार्ग, रानीपुर-पलिया मार्ग सहित दर्जनों की तादात में ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इनसेट--
यह है नियम
जानकारों के अनुसार यूपिडा की गाइडलाइन में यह है कि अगर एक्सप्रेस-वे निर्माण के दौरान जिस मार्ग का इस्तेमाल किया जा रहा है और अगर वह मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया तो इसकी जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था की होगी। एक्सप्रेस-वे बना रही संबंधित कंस्ट्रक्शन कंपनी ही उस सड़क की मरम्मत कराएगी। वर्जन--
'पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे निर्माण में जिन सड़कों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उनके मरम्मत की जिम्मेदारी संबंधित कंस्ट्रक्शन की होगी। निर्माण हो परंतु आमजन को कोई समस्या नहीं आनी चाहिए। इसके लिए बकायदे सर्कुलर जारी है।'
-मुकेश ठाकुर, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी। वर्जन--
'सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत 30 नवंबर तक करने का शासनादेश है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के अगल-बगल की सड़कों की मरम्मत कराई जा रही है। जिन सड़कों का इस्तेमाल हो रहा है और सड़क क्षतिग्रस्त हुई है तो उसे ठीक कराया जाएगा।'
-एमके अनिल, एक्सईएन, यूपीडा फेज 07।