रेलवे आरक्षण खिड़की पर यात्रियों ने किया हंगामा
कतार के लोगों को दरकिनार कर टिकट वापसी की कोशिश पर भड़के कुछ यात्री - आरपीएफ ने संभाला मोर्चा शारीरिक दूरी बनवाने पर शांत हुए लोग - भीड़ ज्यादा बढ़ने पर रेलवे कर्मचारियों को कई बार झेलनी पड़ी अशांति
जागरण संवाददाता, मऊ : लॉकडाउन के दौरान रेल यात्रा के लिए खरीदे गए टिकट तेजी से वापस किए जा रहे हैं। इसे लेकर रोजाना आरक्षण खिड़की पर सुबह से शाम तक यात्रियों की भीड़ जमी रह रही है। आरपीएफ के तैनात जवानों के भोजन-नास्ते के लिए आरक्षण खिड़की से हटते ही लोग शारीरिक दूरी का नियम तोड़ दे रहे हैं, जिससे अक्सर कतार गड़बड़ हो जा रही है और आपस में ही लोग भिड़ जा रहे हैं। सोमवार की दोपहर अचानक कुछ यात्रियों के कतार तोड़कर खिड़की तक पहुंचने की दबंगई करने पर हंगामा खड़ा हो गया। हालांकि, आरपीएफ के जवानों ने आनन-फानन में मौके पर पहुंचकर जब शांति पाठ पढ़ाया तो हंगामा करने वाले भाग खड़े हुए।
आरक्षित टिकट बुक करना हो या रद करना हो, सारा काम ऑनलाइन होने से कंप्यूटर कुछ समय लेता है। कभी-कभी इंटरनेट की रफ्तार कम होने से भी इसमें विलंब होता है। इधर, सुबह से ही आरक्षण टिकट की खिड़की पर यात्रियों की कतार लगनी शुरू हो जा रही है। दोपहर आते-आते टिकट बुक या रद कराने आने वालों की संख्या ढाई से तीन सौ तक हो जा रही है। तीखी धूप होने के कारण अक्सर लोग अंदर छायादार भवन में खड़े होने के लिए चले जा रहे हैं। जिससे अंदर पहले से मौजूद लोगों को परेशानी हो रही है। सीआरएस नूर आलम ने बताया कि प्रतिदिन चार से पांच लाख रुपये मूल्य के और ढाई से तीन सौ की संख्या में टिकट वापस किए जा रहे हैं। कतार में इधर-उधर लोगों के घुसने पर यात्री हंगामा कर देते हैं, जिससे अशांति होती है। आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक डीके राय ने बताया कि कतार तोड़ने वालों को समझाया गया है। शारीरिक दूरी कुछ लोग नहीं बरत रहे हैं, जिसे लेकर समझदार लोग भीड़ से ही ऐतराज कर रहे हैं। आरपीएफ की तरफ से भी भीड़ कतार में रहे इसके लिए गोले खींचे गए हैं। लोगों को स्वयं समझना होगा कि शारीरिक दूरी बनाकर न खड़ा होना खुद उन्हीं के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।