कालेज की मान्यता समाप्त, प्रबंधक पर केस
दूसरे विद्यालय का फोटो दिखाकर साथ ही दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर इंटर कालेज की मान्यता लेना प्रबंधक को भारी पड़ गया है। कई स्तरों पर जांच के बाद शासन से जितेंद्र सिंह चौहान शिक्षण सेवा संस्थान की मान्यता समाप्त कर दी गई है।
जागरण संवाददाता, मऊ : दूसरे विद्यालय का फोटो दिखाकर साथ ही दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर इंटर कालेज की मान्यता लेना प्रबंधक को भारी पड़ गया है। कई स्तरों पर जांच के बाद शासन से जितेंद्र सिंह चौहान शिक्षण सेवा संस्थान की मान्यता समाप्त कर दी गई है। रानीपुर थाना क्षेत्र के इटौरा गांव निवासी रामधनी चौहान की शिकायत पर हुई कार्रवाई के बाद न्यायालय के आदेश पर संस्था के प्रबंधक जितेंद्र सिंह चौहान के विरुद्ध संबंधित धाराओं में फर्जीवाड़े का मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है।
उत्तर प्रदेश शासन माध्यमिक शिक्षा अनुभाग के सचिव आर रमेश कुमार ने श्री जितेंद्र सिंह चौहान शिक्षण सेवा संस्थान इटौरा की मान्यता प्रत्याहरित किए जाने के संबंध में निर्गत आदेश में कहा है कि मान्यता के लिए प्रस्तुत की गई पत्रावली में विद्यालय के कमरों की जो माप व स्थिति दर्शाई गई है वह स्थलीय निरीक्षण में नहीं मिली। जिन कमरों को लिटर बताकर मान्यता ली गई थी, मौके पर वे एसवेस्टस या घास-फूस की छप्पर से बने पाए गए। यही नहीं मान्यता पत्रावली में विद्यालय के भवन का जो मानचित्र दिया गया था, वह किसी और के विद्यालय का निकला है। तहसीलदार सदर की आख्या में संस्था के नाम राजस्व अभिलेख में वर्तमान समय में कोई भूमि नहीं है। मान्यता पत्रावली पर तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक के हस्ताक्षर भी फर्जी पाए गए। विभिन्न स्तरों पर आई संस्तुतियों एवं आख्याओं के खंडन के संदर्भ में प्रबंधक के कोई महत्वपूर्ण साक्ष्य न दे पाने के कारण विद्यालय की मान्यता प्रत्याहरित करते हुए अध्ययनरत छात्रों को आस-पास के मान्यता प्राप्त विद्यालय में समायोजित करने का निर्देश दिया गया है।