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नहर है बेपानी, कैसे होगी किसानी

इन दिनों ऊंचे स्थानों के खेतों में हरेक किसान को रबी सत्र में गेहूं की सिचाई करनी है। उधर जिले की मुख्य नहर दोहरीघाट पंप कैनाल से जुड़े रजवाहों की अभी सिल्ट सफाई हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 05:54 PM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 05:54 PM (IST)
नहर है बेपानी, कैसे होगी किसानी
नहर है बेपानी, कैसे होगी किसानी

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : इन दिनों ऊंचे स्थानों के खेतों में हरेक किसान को रबी सत्र में गेहूं की सिचाई करनी है। उधर जिले की मुख्य नहर दोहरीघाट पंप कैनाल से जुड़े रजवाहों की अभी सिल्ट सफाई हो रही है। ऐन वक्त पर नहर किसानों को दगा दे रही है। नहर में पानी आया और भरथिया से शारदा लिक नहर को भी पानी छोड़ा गया तो बीते वर्षों की भांति नहर चलने के बावजूद किसान नहर के पानी को पंपिग सेट से खेतों में पहुंचाने को विवश होंगे।

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प्रथम पंचवर्षीय योजना के तहत एशिया की सबसे बड़ी लिफ्ट पंप कैनाल दोहरीघाट पंप मोटर, बंधे, मुहाने पर ऊपरगामी नहर के मेहराब एवं पुल-पुलियों के जर्जर होने के चलते वर्ष 04-05 एवं बाद में 06-07 में नाबार्ड ने कई किस्तों में 34.86 करोड़ रुपये प्रदान किया। बावजूद इसके आज तक कभी आवश्यकता पर किसानों को पानी न मिल सका है। कभी प्रतिदिन 660 क्यूसेक पानी लिफ्ट कर जनपद के 44 हजार हेक्टेयर भूमि की सिचाई करने वाली यह नहर चार रजवाहों, 41 अल्पिकाओं एवं लगभग 750 कुलाबों के माध्यम से खेतों की सिचाई हेतु नहर स्वयं बेपानी है। नहर के किनारे किसानों ने कभी बोरिग कराने की आवश्यकता न समझी। ऐसे किसान अब विवश हैं। एक अन्य समस्या यह कि कभी जिले में शारदा लिक नहर की स्थापना कर दोहरीघाट पंप कैनाल को पानी दिए जाने की योजना के तहत नहर खोदी गई पर 80 के दशक में खोदी गई यह नहर अब स्वयं दोहरीघाट पंप नहर के लिए बोझ बन गई है। इस नहर को दोहरीघाट पंप कैनाल से पानी तो दिया जाता है पर सिचित क्षेत्रफल शारदा लिक नहर के खाते में जोड़ा जाता है।

बेमानी साबित हो रही शारदा सहायक नहर

अस्सी के दशक में जनपद में सिचाई की व्यवस्था में क्रांतिकारी मोड़ आया जब टांडा फाल से निकलने वाली शारदा सहायक परियोजना के तहत लिक नहर जनपद से होकर गुजरी। उक्त नहर कुसुम्हां के समीप से भरथिया तक दोहरीघाट नहर के समानांतर है। भरथियां में दोनों का पानी एक दूसरे में छोड़ कर हर हाल में किसानों को मुकम्मल सिचाई व्यवस्था प्रदान करने का मंसूबा था। उधर हाल यह कि लिक नहर में पानी की एक बूंद नहीं छोड़ी जा रही है हालांकि आजमगढ़ जनपद तक नहर पानी से लबालब भरे रहने की सूचना है। वर्जन--

सिल्ट सफाई का कार्य हर हाल में 15 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद दोहरीघाट नहर में पानी छोड़ा जाएगा। -वी पासवान, अधिशासी अभियंता, सिचाई विभाग मऊ।


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