एलओबी शौचालयों की जीयो टैगिग में धांधली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को धता बताने में पूरी मशीनरी जुट गई है। एक-एक दिन में चार से पांच हजार फोटो अपलोड किए जा रहे हैं। इसके बारे में न तो कोई पूछने वाला है और ही कोई जांच। यह खेल केवल 15 अगस्त तक जनपद का कोरे कागजों में आंकड़ा भरने को लेकर खेला जा रहा है। ऐसा भी नहीं कि प्रशासनिक से लेकर विभाग इससे अंजान है पर प्रदेश सरकार की डेटलाइन तय होने के बाद अपनी गर्दन पर लटकी तलवार को देखकर मौन सहमति दे दी गई है।
जागरण संवाददाता, मऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को धता बताने में पूरी मशीनरी जुट गई है। एक-एक दिन में चार से पांच हजार फोटो अपलोड किए जा रहे हैं। इसके बारे में न तो कोई पूछने वाला है और ही कोई जांच। यह खेल केवल 15 अगस्त तक जनपद का कोरे कागजों में आंकड़ा भरने को लेकर खेला जा रहा है। ऐसा भी नहीं कि प्रशासनिक से लेकर विभाग इससे अंजान है पर प्रदेश सरकार की डेटलाइन तय होने के बाद अपनी गर्दन पर लटकी तलवार को देखकर मौन सहमति दे दी गई है।
स्वच्छता मिशन के तहत बेसलाइन के बाहर वाले परिवारों का शौचालय 15 अगस्त तक पूरा कर लेना है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए टाइम लाइन तय कर दिया है। प्रदेश के रुख को देखकर गहरी नींद में सो रहा प्रशासन भी जगा तो पर कम समय होने के नाते पूरा जोर निर्माण के बजाय जीयो टैग पर लगा दिया। इसका आलम यह रहा कि रोजाना चार से पांच हजार शौचालयों का जीयो टैग किया जा रहा है। बीते दो अगस्त को प्रशासन ने 5458 शौचालय जीयो टैग कर लिए गए। जबकि हकीकत यह है कि स्वच्छ भारत मिशन के दौर में भी एक दिन में बमुश्किल लगभग 2500 शौचालय ही एक दिन में जीयो टैग हो पाते थे। उस दौरान खुद जिलाधिकारी प्रकाश बिदु सुबह-शाम मानीटरिग करते थे। यह मिशन लगभग 87 फीसदी पूरा हो चुका है। आज जब बेसलाइन सर्वे 2012 से बाहर यानि लेफ्ट आउट बेसलाइन परिवारों का शौचालय निर्माण पूरा कर जीयो टैगिग कराने का शासन द्वारा समय निर्धारित कर दिया गया तो अब प्रशासन खेल पर उतर आया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनपद में बने शौचालयों का दूसरी साइड से फोटो अपलोड कर जीयो टैग किया जा रहा है। इनसेट--
अभी भी ओडीएफ नहीं होगा जनपद
स्वच्छ भारत मिशन के तहत बेसलाइन सूची 2012 के अनुसार सूची में शामिल परिवारों का शौचालय बनवाकर दो अक्टूबर 2018 तक पूरे जनपद को खुले में शौच से मुक्त करना था। हालांकि केंद्र सरकार के निर्धारित अवधि तक 50 फीसदी निर्माण पूरा नहीं हो पाने पर अवधि बढ़ा दिया गया। निर्माण बढ़ाने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी प्रकाश बिदु ने सुबह-शाम निगरानी शुरू की। इस दौरान प्रगति बढ़ने लगी परंतु निर्धारित समय तक ओडीएफ नहीं हो पाने के चलते अवधि को बढ़ा दिया गया। इससे एक बार फिर प्रशासन शिथिल हो गया। इस बीच सरकार ने बेसलाइन से छूटे परिवारों की सुधि ली गई। ऐसे परिवारों को भी शामिल किया गया। जिला प्रशासन द्वारा मानीटरिग नहीं हो पाने के चलते निर्माण कार्य जैसे-तैसे चलता रहा। अब जब समयावधि नजदीक है तो प्रशासन केवल फोटो के आंकड़े जुटाने में किसी तरह जुटा है। भले ही इससे प्रशासनिक मकसद पूरा हो जाए और शासन की मार से अधिकारी बच जाएं परंतु जनपद खुले में शौच से मुक्त नहीं हो पाएगा। वर्जन--
भले ही शासन-प्रशासन का जीयो टैगिग पर जोर है लेकिन इसकी जांच व्यापक स्तर पर की जाएगी। इस कारस्तानी में जो कोई भी शामिल होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
- संजय मिश्र, जिला पंचायत राज अधिकारी। प्वाइंटर--
प्रदेश में मऊ की स्थिति
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स्वच्छ भारत मिशन--
कुल लक्ष्य- 160707
अब तक हुआ निर्माण - 140435
निर्माण की स्थिति - 87 फीसदी
जिले का प्रदेश में स्थान - 54 नंबर लेफ्ट आउट बेसलाइन (एलओबी)
कुल लक्ष्य- 44769
हजार अभी तक निर्मित - 33,250
निर्माण की स्थिति - 75 फीसदी
प्रदेश में जिले का स्थान - 65वें नंबर
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