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दलित उत्पीड़न के क्रास केस में दोनों पक्षों को सजा

एससीएसटी की विशेष अदालत अपर सत्र न्यायाधीश बुद्धिसागर मिश्र ने दोहरीघाट थाना क्षेत्र में लगभग 21 वर्ष पूर्व दलित व्यक्ति को अपमानित कर मारपीट के क्रास केस मामले में साक्ष्य की गहन समीक्षा की। इसके उपरांत दोनों पक्ष के सात आरोपितों को दोषी पाते हुए उन्हें सजा सुनाई। न्यायालय ने प्रथम पक्ष से तीन आरोपितों को व द्वितीय पक्ष के चार आरोपितों को विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई। वहीं शेष आरोपितों को सभी आरोपों से बरी कर दिया। मामला दोहरीघाट थाना क्षेत्र का है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 09:56 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 06:03 AM (IST)
दलित उत्पीड़न के क्रास केस में दोनों पक्षों को सजा
दलित उत्पीड़न के क्रास केस में दोनों पक्षों को सजा

जागरण संवाददाता, मऊ : एससीएसटी की विशेष अदालत अपर सत्र न्यायाधीश बुद्धिसागर मिश्र ने दोहरीघाट थाना क्षेत्र में लगभग 21 वर्ष पूर्व दलित व्यक्ति को अपमानित कर मारपीट के क्रास केस मामले में दोनों पक्ष के सात आरोपितों को दोषी पाते हुए उन्हें सजा सुनाई। न्यायालय ने प्रथम पक्ष से तीन आरोपितों को व द्वितीय पक्ष के चार आरोपितों को विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई। वहीं शेष आरोपितों को सभी आरोपों से बरी कर दिया। मामला दोहरीघाट थाना क्षेत्र का है।

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अभियोजन के अनुसार 28 नवंबर 1999 को प्रथम पक्ष की वादी कलावती देवी तथा दूसरे पक्ष से वादी वेद राय थे। खेत में बकरी व गाय चराने तथा फसलों को नुकसान पहुंचाने को लेकर विवाद हुआ था। पुलिस ने दोनों पक्षों की रिपोर्ट दर्ज कर बाद विवेचना आरोप पत्र प्रथम पक्ष के आरोपित सियरही बर्जला निवासी मनोज राय उर्फ चुन्नू राय, संजीव राय उर्फ चुन्नू राय, विकल राय, विनीत राय उर्फ गाजर, गिरिजा राय तथा वेद राय व दूसरे पक्ष के आरोपित इसी गांव के निवासी कलावती, संजय, धनंजय, खुशहाल तथा रामबदन के विरुद्ध न्यायालय में प्रेषित किया। न्यायालय ने प्रथम पक्ष के गिरिजा राय, वेद राय और विनीत उर्फ गाजर राय को मारपीट कर साधारण चोट पहुंचाने के आरोप में चार-चार माह का कारावास और धमकी देने के आरोप में छह-छह माह तथा एससीएसटी के आरोप में तीनों को एक-एक वर्ष कारावास व एक हजार रुपये प्रत्येक को जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं उन्हें अन्य धाराओं में बरी कर दिया। मनोज राय, संजीव राय, विकल राय को न्यायालय ने सभी आरोपों से बरी कर दिया। दूसरे पक्ष के आरोपितों संजय, धनंजय, खुशहाल, रामबदन को मारपीट के आरोप में चार माह का कारावास व 325 के अपराध में 6-6 माह के कारावास व प्रत्येक पर 500 रुपया जुर्माना की सजा सुनाई। धमकी देने के आरोप में छह माह के कारावास की सजा दी। अन्य धाराओं में उन्हें दोष मुक्त कर दिया। इस मामले की अन्य आरोपित कलावती देवी को न्यायालय ने सभी आरोपों से बरी कर दिया। अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक सत्येंद्रनाथ राय व वरिष्ठ अधिवक्ता फतेह बहादुर सिंह ने बहस व पैरवी की।


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