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अनुदानित मदरसों में नहीं पहुंची किताबें

बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम की निशुल्क किताबें मदरसों में आधा से अधिक शिक्षा सत्र बीतने के बाद भी नहीं पहुंच सकी हैं। इसके चलते छात्रों के पठन-पाठन में दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं। बच्चों को कक्षा एक से लेकर आठ तक की सभी किताबें अब तक नहीं मिल पाई हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 04:37 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 04:37 PM (IST)
अनुदानित मदरसों में नहीं पहुंची किताबें
अनुदानित मदरसों में नहीं पहुंची किताबें

जागरण संवाददाता, मऊ : बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम की निश्शुल्क किताबें मदरसों में करीब आधा शिक्षा सत्र बीतने के बाद भी नहीं पहुंच सकी हैं। इसके चलते छात्रों को पठन-पाठन में दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं। बच्चों को कक्षा एक से लेकर आठ तक की सभी किताबें अब तक नहीं मिल पाई हैं।

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जिले में अनुदानित कुल 38 मदरसे हैं। मदरसों में ऊर्दू माध्यम की किताबें पढ़ाई जाती हैं। कक्षा एक में केवल कलरव और उर्दू जबां नाम की किताब पढ़ाई जाती है, जबकि कक्षा दो में कलरव, उर्दू जबां और इन्मे हिसाब नाम की किताब पढ़ाई जाती है। कक्षा तीन में उर्दू जबां, इल्मे हिसाब और हमारा समाज नाम की किताब पढ़ाई जाती है। कक्षा चार में कुल चार किताबें हैं। इनमें उर्दू जबां, इल्मे हिसाब, इल्मे साइंस और हमारा समाज शामिल हैं। वहीं, पांचवीं में इल्मे साइंस, उर्दू जबां, बच्चो का हिसाब, हमारा समाज और रेनबो नाम की पुस्तक पढ़ाई जाती है। इधर, बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि मदरसों में कोर्स के जरूरत की 70 प्रतिशत किताबों का वितरण किया जा चुका है। सामुदायिक सहभागिता के जिला समन्वयक योगेंद्र यादव ने बताया कि विभिन्न विषयों की 15590 किताबें अवशेष रह गई हैं। इन किताबों को जल्द ही मदरसों में भेजे जाने की व्यवस्था की जा रही है। बहुत जल्द मरदसे के छात्रों की हाथों में सभी विषयों की पुस्तकें होंगी।


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