आंदोलन के लिए कमर कस रहे बिदटोलिया बाढ़ पीड़ित
- गांव में बैठक कर तैयार की गई आंदोलन की रूपरेखा सरयू की धार में कट गए थे मकान व उ
- गांव में बैठक कर तैयार की गई आंदोलन की रूपरेखा, सरयू की धार में कट गए थे मकान व उपजाऊ भूमि
जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : तहसील क्षेत्र के देवरांचल में एक बार फिर कटान का मुद्दा गरमाने लगा है। सरयू नदी के सबसे अंतिम छोर पर बसे बिदटोलिया गांव के बाढ़ पीड़ित एक बार फिर सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। रविवार को फूलन सेना के महासचिव सुखदेव साहनी की अगुवाई में ग्रामीणों ने बैठक कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की। निर्णय लिया गया कि इस बार तहसील मुख्यालय सहित जिला मुख्यालय पर भी धरना-प्रदर्शन होगा और अगर जरूरत पड़ी तो फिर आमरण अनशन पर भी पीड़ित बैठेगें।
ग्रामीणों ने कहा कि हर साल सरयू नदी के रौद्र रूप के कारण गांव के लोगों की खेती योग्य भूमि सहित मकान नदी में डूब जाते हैं। इस साल भी लोगों के सैकड़ों एकड़ भूमि सहित दर्जनों मकान नदी में विलीन हो गए, मगर कटान रोकने को लेकर अब तक सरकार ने कोई ठोस प्रबंध नहीं किया। कटान में अपना घर गवां चुके गांव के 30 लोगों को स्थानीय तहसील प्रशासन द्वारा पिछले दिनों दुबारी न्याय पंचायत के मझौवां गांव में आवासीय पट्टा तो दिया गया, मगर उस गांव के लोगों के विरोध के कारण किसी को भी उस भूमि पर अब तक कब्जा नहीं मिल पाया। ग्रामीणों का कहना है कि हर बार हम सबके आंदोलन को सरकार द्वारा आश्वासन देकर समाप्त करा दिया जाता है। मगर इस बार हम सब किसी भुलावे में नहीं आएंगे। समस्याओं के समाधान होने तक संघर्ष जारी रहेगा। बैठक में श्रीकांत, राकेश कुमार, डा. गोपाल भारती, कांता प्रसाद, शिवचंद निषाद, भिखारी निषाद, बहादुर निषाद, हरेंद्र यादव, दुर्गेश कुमार आदि उपस्थित थे।