बेसिक शिक्षा विभाग को जल्द लगेगा हाईवोल्टेज झटका
जागरण संवाददाता मऊ निजीकरण की तलवार गर्दन के काफी करीब होने के बाद बिजली विभाग।
जागरण संवाददाता, मऊ : निजीकरण की तलवार गर्दन के काफी करीब होने के बाद बिजली विभाग के अधिकारियों ने अब किसी को न छोड़ने की तैयारी कर ली है। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल फिलहाल वैश्विक महामारी कोरोना से बच्चों को बचाए रखने के लिए बंद हैं लेकिन बिजली के अभाव में शिक्षकों के निजी प्रयासों से उनमें चलने वाली स्मार्ट क्लास भी बहुत जल्द बंद होने वाली है। अपने लगभग आठ करोड़ रुपये बिजली बिल के बकाए की वसूली के लिए विद्युत विभाग ने रणनीति तैयार कर ली है। जल्द ही बेसिक शिक्षा विभाग को हाईवोल्टेज झटका लग सकता है। जिले के विद्युत विभाग के नोडल अधिकारी एवं अधिशासी अभियंता सुबोध कुमार ने बताया कि एक हजार से ज्यादा प्राथमिक स्कूलों में बिजली कनेक्शन है। प्राइमरी स्कूलों में उपभोग होने वाली बिजली के बिल के भुगतान की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा अधिकारी की है लेकिन पिछले पांच साल से बिजली की बकाएदारी बढ़ती जा रही है और अधिकारी भुगतान में तरह-तरह के टालमटोल कर रहे हैं। कहा कि वह स्वयं भी बिल के भुगतान के लिए बीएसए के दफ्तर में बैठकर वार्ता कर चुके हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है। इसलिए बिजली विभाग को कड़ी कार्रवाई की रणनीति की ओर बढ़ना पड़ रहा है। कहा कि तीनों विद्युत वितरण खंड से लगभग आठ करोड़ रुपये बेसिक शिक्षा विभाग पर बकाया है। शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर यदि बिजली बिल का भुगतान नहीं किया गया तो विद्युत विच्छेदन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।