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बारिश में बह गया बंदीघाट पीपे का पुल

इधर कई दिनों से रुक-रुक कर रही झमाझम मानसूनी बारिश के कारण तमसा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते क्षेत्र के बंदीघाट में तमसा नदी पर बना पीपा का पुल पानी में बह गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 05:43 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 05:43 PM (IST)
बारिश में बह गया बंदीघाट पीपे का पुल
बारिश में बह गया बंदीघाट पीपे का पुल

जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद गोहना (मऊ) : इधर कई दिनों से रुक-रुक कर रही झमाझम मानसूनी बारिश के कारण तमसा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते क्षेत्र के बंदीघाट में तमसा नदी पर बना पीपा का पुल पानी में बह गया है। पुल के पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को आवागमन दूभर हो गया है।

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तमसा नदी के उत्तरी छोर पर स्थित इस पुल से लगभग 25 गांवों के लोगों का आवागमन हुआ करता था। इसी पुल से होकर लोग स्थानीय तहसील मुख्यालय व जिला मुख्यालय पर पहुंचते थे। इधर कई दिनों से हो रही जोरदार बारिश के कारण यह पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था, अंतत: यह नदी में बह गया। पुल के टूट जाने के कारण लोगों को जनपद मुख्यालय तहसील तथा मुहम्मदाबाद गोहना आदि जगहों को पहुंचने में कठिनाइयां झेलनी पड़ रही हैं। पीपे पुल का निर्माण एएचएनवी कॉलेज के नेतृत्व में विभिन्न गांव के सहयोग से बनाया गया था। इस कार्य को जिला के उच्चाधिकारियों एवं अनेक समाजसेवियों ने सराहनीय कार्य बताया था। कहा कि गांव द्वारा किया गया यह निर्माण शासन और प्रशासन को आईना दिखाने का कार्य किया था परंतु शासन और प्रशासन की तरफ से तवज्जो नहीं दी गई। बंदीघाट पर पक्का पुल बनाने का प्रस्ताव स्वीकृत कर लिया गया था परंतु यह कार्य अधूरा रहा। बंदीघाट समेत यहां के निवासियों ने कई बार तमसा नदी पर पक्के पुल की मांग की गई थी लेकिन सरकार द्वारा अभी तक किसी भी प्रकार का आश्वासन प्राप्त नहीं हुआ है। समाजवादी पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी आमान अहमद ने बताया कि इस पुल के टूट जाने के कारण हजारों छात्र-छात्राओं को तहसील मुख्यालय पर आकर शिक्षा प्राप्त करना मुश्किल हो रहा है। नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण नाव द्वारा लोग नदी को पार कर रहे हैं। इससे नाव के डूबने की आशंका हमेशा बनी रहती है। इस तरह से कभी भी कोई बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रहती है। यहां की जनता ने शासन और प्रशासन से अनुरोध किया है की इस समस्या को तत्काल हल किया जाए। अन्यथा जन समुदाय इस कार्य के लिए जन आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएगी।


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