प्रवासियों के लिए राशन के साथ ही रोजगार की व्यवस्था
लॉकडाउन के कारण विभिन्न प्रांतों एवं शहरों से आए श्रमिकों को राजस्व विभाग मुफ्त राशन ही नहीं दे रहा है वरन इनकी व्यवसाय कुशलता का डाटा एकत्रित कर रोजगार से जोड़ने की कवायद भी कर रहा है।
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : लॉकडाउन के कारण विभिन्न प्रांतों एवं शहरों से आए श्रमिकों को राजस्व विभाग मुफ्त राशन ही नहीं दे रहा है वरन इनकी व्यवसाय कुशलता का डाटा एकत्रित कर रोजगार से जोड़ने की कवायद भी कर रहा है। उपजिलाधिकारी निरंकार सिंह ने राशन वितरण पूर्व लेखपाल, ग्राम पंचायत कर्मचारी, आशा एवं आंगनबाड़ी की टीम गठित कर समस्त प्रवासी श्रमिकों से संबंधित 26 बिदु की सूचना एकत्रित कर आनलाइन किए जाने की जानकारी दी है।
दरअसल जिले के तमाम कुशल, अर्धकुशल एवं सामान्य श्रमिक वापस घर आ गए हैं। शासन ने इनका पलायन रोकने के लिए गांव एवं जिला स्तर पर ही रोजगार की व्यवस्था का मंतव्य जताया है। श्रमिकों का संपूर्ण विवरण दर्ज कर आनलाइन किया जाना है। उधर इन श्रमिकों को निश्शुल्क खाद्यान्न भी वितरित किया जाना है। इन निर्देशों के अनुपालन के क्रम में एसडीएम श्री सिंह ने इन प्रवासी श्रमिकों से जुड़ी 26 बिदुओं पर सूचना एकत्रित करने हेतु टीम गठित किया है। इस क्रम में लखनीमुबारकपुर में एसडीएम श्री सिंह ने राजस्व निरीक्षक जितेंद्र राम के पर्यवेक्षण में ग्राम विकास अधिकारी राधेश्याम, लेखपाल रीतेश सिंह, जसविदर, रुद्र प्रताप, रानू बरनवाल, ऋषिकेश सिंह, आशा उर्मिला देवी, निशा देवी, चिता चौहान, सुमन देवी एवं शायरा बानो को चार टीमों में विभाजित कर प्रवासी श्रमिकों का आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण, व्यवसाय एवं परिवार के सदस्यों की संख्या सहित 26 बिदुओं पर सूचना संकलित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने क्वारंटाइन सेंटर से छोड़े गए 838 प्रवासी श्रमिक परिवारों सहित अब तक कुल 1637 प्रवासी श्रमिक परिवारों को 10 किग्रा आटा, 10 किग्रा चावल, 2 किग्रा चना, 2 किग्रा अरहर दाल, 2 किग्रा आलू, तेल, मसाला एवं अन्य आवश्यक सामग्री वितरित किए जाने की जानकारी दी है। एसडीएम श्री सिंह ने श्रमिकों का डाटा आनलाइन किए जाने के बाद शासन के निर्देशानुसार रोजगार की व्यवस्था किए जाने की बात कही है।